Book Title: Shukl Jain Mahabharat 01
Author(s): Shuklchand Maharaj
Publisher: Kashiram Smruti Granthmala Delhi

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Page 584
________________ -~~. - ५६० जैन महामारत www. m. awmawwwwwwraim xn ............ इधर महाराज द्र.पद ने एक अन्य दूत को बुलाकर मगध देश के अधिपति महाराज जरासंध के यहाँ आमन्त्रण के लिये भेजा क्योकि वे उस समय के मुख्य राजा थे । तीन खण्ड में अर्थात् सौलह हजार राजाओं पर उनका प्रभुत्व छाया हुआ था। इसी प्रकार महाराज द्रपद ने अंगदेश के राजा कर्ण तथा शलानन्दी, हस्ति शीप के राजा दमदन्त, मथुरा नगरी के राजा धर, भोज १ आगम मे जरासन्ध कुमार सहदेव के पागमन तथा निमन्त्रण की वात पाई जाती है, और इसी के समर्थक विशष्ठिशलाका चरित एव पाण्डव चरित्र हैं किन्तु अन्य ग्रन्थो मे जरासध के आगमन का भी उल्लेख पाया जाता है। यहा एक शका उपस्थित होती है कि राजा के विद्यमान होते हुए राजकुमार को निमश्रण क्यो ? और जब सहदेव अथवा जरासंध स्वयवर में उपस्थित थे तो क्या उन्हे श्रीकृष्ण का पता न लगा यदि लग गया था तो वही युद्ध होना सभव था, किन्तु ऐसा नहीं है, श्रीकृष्ण अब तक जीवित हैं इसका पता एक रत्न कवल व्यापारी द्वारा जीवयशा के सामने किये गये रहस्योद्घाटन द्वारा हुआ है । और फिर जरासन्ध ने युद्ध किया है। जरामन्ध के विषय में परम्परानुगत एक मान्यता चली आ रही है कि वह जीवित नही था गदि होता तो वह अवश्य पाता । क्योकि अपने समय का बलिप्ड राजा था । दूसरी मान्यता है कि द्रोपदी स्वयंवर बाद में था । आदि । इसी प्रकार कीचक तथा उसके सौ भाइयो के सम्बन्ध में भी निमत्रण व मागमन का उल्लेख है किन्तु विराट जीवित था, उसका वर्णन पाण्डव बनोवास के ममय वहां छिपकर रहे थे आदि मिलता है। इसी प्रकार रुक्म का। इससे यही प्रतीत होता है कि द्रपद ने द्रोपदी के समान वयवान् राजा और राजपुमागे को तथा कुछ प्रसिद्ध महाराजाप्रो को ही बुलाया है। अन्यथा कीचक पौर म्यम के निमन्त्रण का प्रश्न ही नही उठता था जब कि विराट और भीमक जीवित थे । __ मयुरा के राजा धर का उल्लेख उपरोक्त पागम तथा दोनो ग्रन्थो मे पाया जाता है, किन्तु ग्रन्य ही स्वीकार करते हैं कि कम के मरने के पश्चात् वहा का गरमागज उप मेन को मिला, कात्रीकुमार के प्राक्रमण से पूर्व यादव गोयंपुर मोर उग्रगे7 मयुरा छोटार चते पाये थे, हो मकता है पीछे मे किमी अन्य गतान प्राना अधिकार जमा लिया हो। किन्तु गजा उग्रमेन के पुत्र का नाम भी घर या । प्रत यह चिचारणीय है।

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