Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 03
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 297
________________ लोए वि पयरइ सुई वटुंती मेइणी महुमहेणं / काउं वराहरूवं ससेलवणकाणणा धरिया // 264 // जइ तेण समुक्खित्ता ण णज्जई कत्थई ठिएणं ति / उक्खिवसि ता तुमं पि अ धरणिअलत्थो सिला दो वि // 265 // एलासाढो जाहे ससेण अइसंधिओ भणइ ताहे. / जं ते सुअमणुभूअं कहेहि सव्वं अपरिसेसं // 266 // चतुर्थमाख्यानकम् अह भणइ ससो अहयं णिअयं छित्तं गओ सरयकाले / गामाओ दूरत्थं तं छित्तं गिरिवरासन्ने // 267 // छित्तम्मि अ अच्छंतो तत्तो पव्वयवराओं ओयरिउं / उच्छित्तो मि गएणं पव्वयमित्तेण मंत्तेण / // 268 // थरथरथरंतगत्तो हाहा गहिओ मएण चितंतो / विवलाइउमचयंतो परिभमामि तर्हि तर्हि चेव. // 269 // भीउब्विग्गेण मए दिट्ठो तिलपायवो अइमहल्लो / तत्थ विलग्गो मि अहं वणगयभयवेविरसरीरो // 270 // पत्तो अ सो वणगओ आरुसिओ तिलदुमं समंतेणं / परिभमइ गुलुगुलिंतो कुलालचक्कु व्व आइट्ठो . // 271 // तेण भमंतेण य सो चालिज्जतो तिले दवदवस्स / वासासु जलहरो इव जलणिवहं मुंचई घोरं // 272 // तिलचक्केण व्व तिला ते सव्वे पीलिआ गयवरेणं / . तत्थ पवूढा सरिआ तिल्लोआ णाम णामेणं // 273 / खुत्तो अ वणगओ सो खलचलणीए अ तिल्लपंकम्मि / आरडिऊण य विरसं भुक्खिअ-तिसिओ मओ हत्थी // 274 // 288

Loading...

Page Navigation
1 ... 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326