Book Title: Samkitsar Granth
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 11
________________ तोपण पापश्यरन्नतांपए प्रतीपएपछे रेनों बहहिंजण्पएर सीजर यासीसीलवृतप्रभुज गुण गुणगुणस्त वेरमरा । वेण्येरमरावृत्त पञ्च रवाए।पापयपरायोनीमा पोसहो पोप्पोपधरन उववासेहिं पिपियासेरिसहितछ चानदसहयाण्यासन्पक्षसंबंधी.... मुगदिडा। अमाहमहीनेण्जमायास्पा-पुलामासी । पुण्पुरीमा सीनेजेत भासनां तथा पोषधरे पडिपुरा पण्प्रतिपूरसिपूर्ण १२. पोहरनो पोसीहसमं पोण्पोषयरतसाये भनें. अएपासेमाएगां मण्त्रीएन्नेगेरीयुद्धपासनायाम विहरइ। विवियरेछे.समरोसण समाने निग्गये निनियंथनें. फासुए। सुपरहित एसणि छ। मेण्मेषीनिषि असरांजण्मसनमाहार. पाए। पाण पापी रखाइमं । नापजाहिमने सुजडी. साइमं। साण्साहिमतेमुण वास पठावण्वस्त्र पमिग्गहं । पण्पात्रां कंबपरांजस्ये पायपु बरावा । पापायपुरुपो. पीठ पीण्याब्लेट फलग पाटीए सेझासं थारए । सेग्मेन्मसंयारोप्रभुज उसह पिपिपन्भेससग । लेणलेष रतेघीयक लेखी पमिसानेमाणे पपप्रतीलालतायोप्रसरना धान विहरई। विनायवियरेछे. तसे न तिवारेनें चंदगुत्तेगया। यंगुप्तशन श्रन्नयाकयाइ। जसप्रस्वार्थ जैरोच पनि हाउने पोसहसाला। पोण्पोषयसारा तेरोच तेनिहारने नवागछ इस्ता। पिभावेजाची नेयंद्रगुप्तराम. पोसदसावंपोणपोषधसालामा है. अणुपपिस्सन्ता । मण्पेसेपेसीने मांगाचीने पोसहसाला पोप पोषसासानेयषुष्टीपीसैहें पमझ इश्ता। पण्पुरेपुल शुद्धजयीतें परवीयपोसहं । परपक्षसंजपीपांषीनेरिने पोषधसेनेपमिजागर मास्स ॥पण्प्रतिन्नगतोपोसुषुन्नगरजग्नगतोथोरीयरे. तइ याए तपतेऐजयसरेशी-पोरसीए पोपोरसीनेसमे.सुहपसुए ।सुण स्रषेसुनांपने नहीरमारो। सुतानेन्मगताने नहीरमागस्स ॥सुनेजगतेयोनेजसरेनिर्मलपिन्सोलस्ससोण्सोल. सुमिएगासुपसुपनने पासना ।पारेषेषीने नयानगीने चिंत्ता

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