Book Title: Samkitsar Granth
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Publisher: Unknown
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तेयंहीणतेप्तेन्हीप भोलरहित दीड १४। हीदीगन्नर समएपण्पंन्नरमे सुमिरो।सुण्सुपने रायाकुमारो रारान्मनाकुमारमाहर सुजयानपाम्यादीप्ता वसह वक्षलतेपोरीयापिरेंगारुढोदीठोपप माण्चयो धीमे प. सोलसमएसोपसोजसमें सुमिरो। सुण्सुपने गय सपहस्तीतेहाथी. कएहाउ कृष्णात मला जुयतानण्मुगलने ले माहो माहे झुमनादीठा । १६. मूण्वटताऋभूगरतांघीय एएएनेण्ने एवारने सुमिणा सुण्सोखसुपनने सारेपा। मजनुसारेउरीनेभयचं, लण् लगयंत जिसंसासरो लग्निसासनलिनमार्गमा पंथमजार 'माहे. फिभविस्सई। मिस्यूिचामेस्यूत्पाताष्टिउपासेतेउलो.इय चंदगुत्तस्स रायास्स जेरुया ययगुप्तरामन्यमुजनापयनराण राजनां. वयणं वण्ययन सोच्चा। सोण्साललीने भद्दवाहु लन
रानामे, अशगारे ।म अरागार. जुग्पाहारो। मुण्मुगप्रधान पपीनांघी चनधिहसंघ य य तुपिघसंघ ने समरव ससमक्ष पणे भागलराजाने भणियं । लपलपाकालागा उहवालाप. चंदगुतेरायाण्यगुप्तरानोपयमरलेसुपननांइलयासें सुहेरोसुण्सालये अबो। अमेसोलसुपनमाउथ पढम सुमरो। तपतेभाप्रथम सुण सुपने कप्परचे उपमुत्पवृक्षनी साहाभागा। माणसासामोरीहतीते लागातस्सफखंततेमाटेतेनो इसमेहोसे. अद्यपभीए । मण्ञापसी पंचमनारामाहें. कोधिरायाण रोशनसाधापत्तासन पाजडी.संजम नगिएहइ । १।। संघसंख्पवृत्तने नयनहीलेसीमानहीं खेलेप्रथम. वीय जीजीले सुमिणेसुण्सुपनें. अकाले अण्याखेरेभध्यान सुरि एअचमेग। ग्रुपसूर्यसहस्रउरएोरमीजापमलों घडो तस्मफलंतप तेहनोइसनेहवो होसे फेवसंना उपवलज्ञान पायोउंयंजायम
॥२॥ योगमनपर्यवज्ञानवापी ज्ञानयाधिनिर्मलज्ञानपिछेहन्दसेतीएरीश्री. सुमिरो।सुण्सुपने चंदसछंदभूए एण्याधिसो यालएर सरीमोधी तस्सफलतण्तेसुपननोभेहयोसपासे.एगेधम्मे जेण्जेओडेरलीना धर्मसभागारगोभविस्सई ॥३॥सण्मनेट

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