Book Title: Samkitsar Granth
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 13
________________ पंथनेविषेलोउमसीजोछेलप्रवासामीपधारपाछेयायोयनाने जावपरिसापागासहान्यानेमरेता यशपांडेयी नेसापेमाथीने घना उलएसेतपतिवारतेचंदगुत्तराया।। यण्यध्यप्तरान इमासे ने एग्री काएउ पावार्ता सहसमारोपण्णायकेलनासा मीपपास्यासालषी रहनुहाहण्हर्षसंतोषटाम्योरेलखूथयु कोडंबिय शेणसेवापुषनें पुरीसे पुण्याज्ञाकारीपुरष सद्दावेइरना।। सातेडावेने गचीने एवंचयासी॥णनेमाहे माज्ञाहीमोरिवप्पामेव जिसीम त्तिावला. भोदेषाणुप्पिया।लोण्जोयापीयाऐवतांना चालला पाडसीपुरंनयरे पाण्माऽसीपुरनगरने सभिंतर सण्नेमाहेजनेवाहिरयं · व्याण्ाहिरपीडोरेयासमयंसमजाया। सायराययो सुगंधछ रायो निर्मपरो जहांकोशिनु गलैमरोएशन्नवांच्या श्रीमहावीर मेगयातेमोचवमर्षया सुत्रमा तिमहांसनायो दोपिोप नीळवार कोडंबियं। पुरिसे मेरंजाते सेवापुषने. सदावडर त्ता । समतेशयेतेडावीने एपंचयासी । मेण्नेमा खियामेव जिशिप्रमेयः भोदेवाएंपिया। लोप महोदेवाणुंपामे अभिसेक हनी जण अलिषेऽन्येहस्तीसरशः चनरंगिपिसेपा। न्यायरिंगीसेएपहस्ती घोडारथपाय: समधिय सतर्थयारी पञ्चप्पिराहा पण ज्यजापाजी सुपो एवंयुत्तासमारणा जेण्ओमपयन्न फोडबियोण्मेवा. - पुरिसे।पुण्पुक्षः हजहा। हण्हर्षसंतोषपाम्याथमा जावपञ्चपिरगति मण्मयतयतुरंजीसेन्यातैयार उरीमानाम्यापेनियारं चंदगुत्तेराया। यण्यप्रगुप्तशन्ना एहाय मेहरा नाही. कयबलीकम्मे। उपरिधान - पीधर्मलप्रावधेत कयकोकुयीपाडोतु 3. मंगलमयमंग सीमतीलाप्रमुजापायछित्ते । पापाछत्तीमलस्पायलाने जायसरीर।। न्मन्नवतसरीरनी शोलारी. विभूसीय विपरिभूषाउरी पस्यलषशादी दी. अभिसेकहती। नए नमीषेनोपार हाथी परे दुरुहइला । दुण्यठेयठीनेयंहगुप्तरान्नः बहुपरिवाराणघणोपरिवाश्यतुरंगारे लामहीत संपरिबुडा संपवतोयको पाइसीयुम्नअरिं । पापा

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