Book Title: Prachin Jain Itihas Part 02 Author(s): Surajmal Jain Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 7
________________ ३४ ३४ છુટ ३९ ४१ ૪૨ ४२ ४५ ४६ ४८ ४९ ५३ ५३ ५३ ५९ ५९ ૬૧ ૧ દૂર ફ્ર ६२ ६२ ६४ ६५ ६६ .६६ ७० ७२ ७३ ૧ ૧૮ २ ૧૬ N F 9 १६ * ~ ~ ~ ~ ~ ~ : * ~ ~ ~ ~ ~ ४ ૨૨ ૧૧ ૧૩ ૧૪ ૧૧ १२ १५ २१ ४ १६ ૧૪ 6 G ६ 13 9 2 2 2 १३ ૧૨ १७.४ भापके पद्मश्री लिये पद्मनाम पारसी जाना मधु सवारी रुचायें निश्चय पहिलेसे राक्षकों के योजन थी नगर या लोकपति थी श्रीवास अनावत 39 स्तुति सिद्धि (६) 93 राजी व सरसी पर किया था तन्दरी प्रमाण प्रसुति मरुत मथुर के आयुका पद्म भी लिया पद्मनाभ पाटसी जानेका मधुपिंगलको सवार ऋचायें निश्चित पहिले राक्षसोंके योजनकी थी नगर था लोकपाल था । श्रीवत्स अनावर्त "" स्तुति की सिद्ध 29 राजीव सरसी यह लिया था तनूदरी प्रणाम प्रसूति मरुत मथुराPage Navigation
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