Book Title: Gyansara
Author(s): Shubhankarvijay
Publisher: Jain SMP Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 2
________________ MINISM) .. श्रीयशोभद्रश्रेणिग्रंथाङ्क-२१ ॥ श्रीशंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमः ॥ शासनप्रभावक-आचार्यदेवश्रीविजयनेमिसूरीश्वर सद्गुरुभ्यो नमः न्यायविशारद-महोपाध्याय श्रीमद् प्रोविजयो पाध्यायप्रणीत : जानसारः व्याख्याकार :प. पू शासनसम्राट-अनेकतीर्थोद्धारक-बाल ब्रह्मचारि-आचार्य देवश्रीविजयनेमिसूरीश्वरपट्टालंकार-शांतमूर्ति-समयज्ञ . भाचार्यदेवश्रीविजयविज्ञानसूरीश्वरपट्टधर-सिद्धान्तमहोदधिप्राकृतषि विशारद-आचार्यदेवश्री विजयकस्तूरसूरीश्वरपट्टधर-कविवर-समर्थव्याख्यानकार-भाचार्यश्रीविजययशोभद्रसूरीश्वर शिष्यरत्न-व्याख्यान वाचस्पति-पंन्यासप्रवरश्री शुभङ्करविजयजीगणिवरः -: प्रकाशक :श्रीजैनश्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ ( मद्रास) मूल्य ३-७५ नया पैसा timsMMMMEREMEMys 蹈與蛤飛騙要騙我劣義路劣義與阮兆阮兆兆院

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 376