Book Title: Dharmkosh Vyavaharkandam Vol 01 Part 03
Author(s): Lakshman Shastri Joshi
Publisher: Prajnapathshala Mandal
View full book text
________________
न्यायासपरि *व्यत्यासाच्च प *त्यासापरि
यो अगपद
*व्यपोह्य कल्म व्यपय फिल्म
*व्यभिचरन्ती
*व्यभिचार ऋ व्यभिचारर व्यभिचारा
*
"
व्यभिचाराट
म्यभिचारे तु व्यभिचारे स्त्रि
व्ययं दद्यात्क
*वयं स्वामिनि
व्वदानन्यो
व्यवहाराद
*व्यवहारान् * व्यवहारेण व्यवहारे गु व्यवहारेषु * व्यवहारे स व्यवहारोऽन व्यवाये तीर्थ
व्यस्यै मित्राव
कांत्या.
ار
व्याधितांस्त्रीप्र * व्याधिता चाऽधि व्याधिता प्रेत याचिता मृत्यु
८०५
""
वेदाः ९७१,
१९७९
मनुः १९२८
ار
39
बृह. १८८७
याज्ञ. १०८६
कात्या. १४५७
मनुः १०५३
ار
१०६४
"
वसि. १०२१;
याज्ञ. १०८६
.मनुः १०६४ नार. १०९९,
१४०२
"
बृह. ७८५; शुनी. ७९० कात्या.
९६० कौ. १६७९
नार. १९३६ शेख: ११४७
नारः ७९८
""
"
*व्यसनस्थम
याज्ञ. ७४५
व्यसनाभिप्लु कात्या. ७१०
*व्यसनासक्त
नार. ११५५ बेदाः ९९८
"
97
शुनी. १७६७
यसि. १०२१
बृह. ७३४
नार. ९१८
व्याख्यातस्त्व व्याघ्रादिभिर्ह व्याजी परिशु पी. १६७५ म्याजेनोपार्जि नार. ११३०;
विष्णुः १९८३; मनुः १९८७ व्याधांरछाकुनि ९३७ व्याधितं व्यस कात्या. १४५७ स्याधितः कुपि नार. ११५५ स्थापितांवि मनुः १०४१
देव. १९१२ मनुः १०५६ कात्या. १४५७
लोकमणिका
व्यापिता वांभि * व्याधिता संभ्र व्याधिता सध व्याधितोन्मत्त
व्याधितो बन्
* व्यापिना से
व्याधिप्रकोपं
व्याधिभयमी
व्यापादने तु व्यापादनेन
व्यापादो विष
* व्यापारो विष
व्याप्रति संक
व्यामिश्राणां उ यावच्छेच्छक्ति
व्यायामः कर्क व्यालग्राहानु
व्यालग्राही य
व्यालये म
व्यावहारिकं
व्यासिद्धं राज व्युचरन्याः प
व्युष्टिरेषा प व्यृद्धयो या अ *णितुष्टिक व्रतं च पति अतधारण
व्रतमेव दी *व्रतस्वाध्याय व्रतोपवास
● वाजथेद्र
व्रात्यया सह जीडादान
व्रीहयः शाल देवद
* शकुनादि च शकुन्तला चं शकुन्तलेति शक्तं कर्मण्य
मनुः १०५६ नार. ८५१
मनुः ९३७ व्यासः ११११ ;
अनि. १११६; परा. १९१७
क. १९२५
शक्तस्यानीह
ود
"
६९७;
कात्या. ७१२
भा. १०३०
नार. ८५१
व्यासः १६५१
कौ. १९२४
कात्या. १६४९
"
नार. १६४३ १६४३
33
33
सुम.
९००
कौ.
८७८
नार.
९१६;
बृह. ९१९
भा. १०३१
,, १६८७ याज्ञ. ७७८
भा. १०२७,
१२८५
१९७८
वेदाः १००३ कात्या. १८३३
भा. १०३०
हारी. १०१५ वेदाः २००९
बृह. १७६०
वोरा. १०७५;
बृह. ११०९
मनुः १८०९
"
१८६१ ८०७
भार.
मनुः १०७१ वेदाः १००५ बृह. १७५९
भी. १२८८
رو
22
मनुः ७७६,
१९२६
या २२६९
* शंकाच यदु शंका ये उ
* शेक्तास्त्वनभि शक्ति चोभय शक्तितश्वानु
निमि
*कितो न हि
● शकिता नाभि
शक्तिभक्तानु शक्तिभक्त्यनु
शक्तोऽप्यमोक्ष
*शकतोऽप्यमोष
•शक्ती मोक्ष
* शक्तो मोच *शक्तौ च ये उ शक्रयपेक्ष
ने
शङ्का त्वसज्ज शङ्कानिष्पक्ष
शङ्कारूपक
वास
शङ्कितस्था शतं श्रोत्रियों शतं तव प्र शतं दासा अ शतं ब्राह्मण
शर्त मगर्द
शतं राज्ञो ना शतं वैश्येद
स्त्री गोरमी
शेतत्रयं ना शतदाब वी
शतमष्टप
माप
शतसहस्रा शताध्यक्षां
नार. १७५६
"
मनुः १६९८
१७०२
??
नार. ૩૮
मनुः १६९८, १९२९
93 १६९८
">
义
११०
"
याज्ञ. १८२०,
१९३३
, १८२०
27
"2
"
"
८२८
"
"
नार. १७५६
७२४
در
37
१९४० १७५२ कौ. १६८६
39
१६८२
"
कात्या. १५८२
की. २०१६ मेदा: ११२९ गौत. १७६९ वेदाः ९९७
८१०
११२१ बौधा. १६०६
याज्ञ. १८७६
१६६०
वृगी. १२०३ वेदाः १५९६
नार. १७४७
अनि. १९६८ कौ. १६७६ विष्णुः १९२१ शतानि पर्व मनुः ९३९, १८५८, १८६०३ अपु. १९७६ शतानि वेदाः १४६४
१६००
"
मर्नुः १७७३; नार. १७८८ वेदाः ८१०

Page Navigation
1 ... 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758