Book Title: Dharmkosh Vyavaharkandam Vol 01 Part 03
Author(s): Lakshman Shastri Joshi
Publisher: Prajnapathshala Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 578
________________ १३४ 'वेदाः १६.३ विष्णुः ६११ कात्या. ८.६ मनु: १६२७ विष्णुः ६११ अपु. १९७० वेदाः ९७५ नार. ८५२ स्तेयं तल्पारो खेयं ब्रह्मस्व स्तेयसाहसि स्तेये च श्वप *स्तेये ब्रह्मस्व स्तेये श्वा मनु स्ट्येषु श्वप स्तोमं जुषेथां *स्तोमं विना व स्तोमवाहीनि स्तोमा आसन् *स्तोमादिना व स्तोमाद्विना व स्तोमाद्विना ह्यु स्त्रियं दृष्ट्वाय *स्त्रियं पुत्रव स्त्रियं पुरुषं *स्त्रियं स्पृशत्य स्त्रियं स्पृशेद दाः नार. ८५२ "१२५५ वेदाः १८९५ नार. ११०१ कौ. १६१४ मनुः १८५२ स्त्रियं हि यः प्रा स्त्रियः पवित्र स्त्रियः श्रियश्च स्त्रियः साध्व्यो म स्त्रियः खर्गे च स्त्रियमध उ स्त्रियमवश स्त्रियमशक्त नार. १८८१ भा. १०३२ बौधा. १८४५ मनुः १०५१ भा. १०३३ वारा. १०७७ देदाः १०१० विष्णुः १८४७ ९९८ ] *स्त्री नानुक्त्वा ब शंखः १०२५ 'स्त्रियो हि मूलं+ भा. १०३२ स्त्री नामुक्तव नीगुणा ऋषि , १०३१ स्त्री नियोऽनि वेदाः ९९५. स्त्रीग्राही न त बृह. ७०८ | *स्त्री निषिद्धा श याज्ञ. १८७२ स्त्री चानपत्य गौत. १४६४ स्त्री निषेधे श स्त्रीज्ञातिस्वाम्य बृह. ८०३ स्त्री पराननु शंखः १०२५ स्त्रीणां गृह्णाति वारा. १०७६ स्त्रीपुंगोऽश्वप व्यासः १७६४ स्त्रीणां ग्रामम को. १०३६ *स्त्रीपुंगोहेम बह. १६४६ स्त्रीणां तु पति भा. १४२९ *स्त्रीपुंमोषः प व्यासः १७६४ स्त्रीणां दानवि नि. ७९२, *स्त्रीपुंसयोः प १३८५, १९७५ स्त्रीपुंसयोग नार. x" " *स्त्रीपुंसयोर्न स्त्रीणां दायवि गौत. १३८७ स्त्रीपुंसयोनि स्त्रीणां पवित्रं वारा. १०७६ स्त्रीपुंसयोमै ... कौ. १०३६ स्त्रीणां पुनर्वि ब्रह्म. १११८ स्त्रीपुंसयोस्तु नार. १०९३ स्त्रणिां बुद्ध्यर्थ भा. १०३३ स्त्रीपुंसवते बृह. ११०६ स्त्रीणां वियोग अङ्गि. १११६ *स्त्रीपुंसो वञ्च व्यासः १७६४ स्त्रीणां सौभाग्य कात्या. ११०९ *स्त्रीपुंसोश्च प . " स्त्रीणां स्वभाव भा. १०३२ *स्त्रीपुंसो हेम . बृह. १६४६ स्त्रीणामगम्यो स्त्रीपुंसौ यस्स , नार. १८८० अनि. १११८ स्त्रीपुंसी वञ्च व्यासः १७६४ स्त्रीणामधर्मः भा. १९७८ स्त्रीपुंसौ हेम बृह. १६४६ स्त्रीणामनुग्र "१०२७, *स्त्री पुमांश्च स नार. १८८० १२८४ स्त्री प्रकृता स को. १८४९ स्त्रीणामार्यस्व वारा. १०७७ *स्त्री प्रसूता वा नार. ७०३ स्त्री तु पुत्रार्थ को. १०३४ *स्त्रीप्रसूतिं च मनुः १०४६ स्त्रीद्रव्यवृत्ति याज्ञ. १६४०. स्त्रीप्रसूश्चाधि याज्ञ. १०८७. *स्त्रीधनं च क शंखः १४२८ स्त्री प्रसूताऽप्र. नार. ७०३, *स्त्रीधनं तद गौत. १४२५ ११०३, स्मृत्य. १३७३ बृह. १४५० स्त्रीबालकान् बृह. १७५९ नार. १४४९ स्त्रीबालपुर विष्णुः १६०९ स्त्रीधनं दुहि गौत. १४२५ स्त्रीबालब्राह्म मनुः १६३२. स्त्रीधनं मातृ बौधा. १४२७ स्त्रीबुद्धया न वि भा. १०३२ *स्त्रीधनं स्त्रीस बृह. ८०३ *स्त्रीभक्त्यनुग्र नार. ७९९ स्त्रीधनं स्त्रीस्व *स्त्रीभिर्भर्तुर्व याज्ञ. १०८४ स्त्रीधनं स्याद , १४५० स्त्रीभिर्भर्तृव नार. , *स्त्रीभुक्तानुग्र नार. ७९९ स्त्रीधनभ्रष्ट स्त्रीरत्नं दुष्कु भा. १०२६ *स्त्रीधनस्य तु काल्या. १४५९ *स्त्रीलक्षण्यप मनुः १०५० *स्त्रीधनस्य वि स्त्रीवन्मूर्खज स्मृत्य. १९९८ स्त्रीधनस्येति *स्त्री वानपत्य गौत. १४६४ स्त्रीधनस्येशि कण्वः १४६२ *स्त्रीवित्तादिवि मनुः १६२३ स्त्रीधनानीत को. १०३७, स्त्रीविप्रकारा को. १०३६ १३९२, १४३१ *स्त्रीविप्राग्रुप मनुः १६२३ स्त्रीधर्मः पूर्व अनि. १११८ । *स्त्रीविप्राभ्यव *स्त्री नानुक्ता ब शंखः १०२५ स्त्रीविप्राभ्युप १८४७ वेदाः ९९८ भा. १०३० मनुः १४४० , २०५३ भा. १९६४ *त्रियमसक्त स्त्रियश्च सर्वाः स्त्रियस्तोषक स्त्रियां तु यद्भ स्त्रियां तु रोच स्त्रियाः पत्या वि स्त्रियाः पुरुष *स्त्रियाः श्रुतौ वा स्त्रिया प्रहृष्ट स्त्रियामयोनौ *स्त्रियाश्च यद्भ स्त्रियास्तु यद्भ यमः १११३ अपु. १९७९ को. १८५० मनुः १४४० भा. १४२९ मनुः १४४० को. १६८७ वेदाः १००० पैठी. १९१५ वेदाः ९७३, स्त्रियास्त्वर्धक स्त्रियै चाभार त्रियो गृहदे खियो याः पुण्य

Loading...

Page Navigation
1 ... 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758