Book Title: Dharmkosh Vyavaharkandam Vol 01 Part 03
Author(s): Lakshman Shastri Joshi
Publisher: Prajnapathshala Mandal
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१६८
स्वेच्छयोपेथु स्वेच्छाकृतवि ●गतनि स्वैच्छादेयं हि
पेच्छा
स्वेच्छानु
वे मूत्रं पु स्वे परे वा ज ●स्वेभ्यः स्वेभ्यस्तु
*स्वेभ्योंशेभ्यश्च स्वेभ्योंशेभ्यस्तु स्वैरिणी च पु
स्वैरिणीनां च
पेरिणी या पं स्वेरियमाका हंसकारण्ड हंसमासब यः संदृश्य
इतः स दृश्य
इतस्तु दृश्य इत्वाततायि
इत्वा तु प्र कहत्वाऽपराधि इनामेमामे हनुमानिति *हन्ता च घात हन्ता तदनु इन्ताभिशस्ते
1:
इन्तां मन्त्रोष हन्ता वा घात इन्ति सर्वम
इन्तेति सत्यं हन्याच्चित्रव इन्याचित्रेर्व
इन्यादुपाये
हरस्य मन्दि
'हरिश्चन्द्रो ह
दश 'इरेज्ज्येष्ठः म
हरेक्षेत्र नि • हरेद्भ न्याद
कात्या. ८०५
१८८८
:9
बृह. १५८४
१.५८५
"
"
७८६
८०३
"
नार. १८८१
कात्या. १८८८
भा. १२८६ को.
७३७
मनुः १४१७
33
,
33
,
हारी. २०१७ नार. १९७८ याज्ञ. १०८८ नार. १८८३
बारा. १०७६ बौधा. १६०६ बृह. १६४७
99
" 39
१८३१
"
भवि. १६५५
बृह. १८३१
वेदाः १४२४
बारा. १३२९
गृह. १६४६
२८३२.
""
वेदाः ११४३,
१६००
पैठी. १६५१
बृह. १६४६
भा. १९८३
वेदाः १००६
व्यासः १६५१
""
नार. १७५७
कालि. १३७७ वेदाः १००५; वसि. १२७८
भा. १२४३ , ११८४,
१२३४
मनुः १३१८ कात्या. १६४९
रवि *हर्ता च घात
घात
'हर्ता वा घात
हर्म्य देवरा
हर्षदानं त
हवा इदय
हवामहे त्वा हव्यं कव्यं च
हसत प्रह
हस्तग्राभस्य
हस्तपाषाण हस्तस्याङ्गुलि *हस्तादिना प्र • हस्तादिना प्रा हस्तिक्षेत्रप हस्तिना रोषि
हस्तिपत्रा
हस्तेनाव • हस्तेनावगो हस्तेनेवा
हस्तेनोद्र *हस्तेनोद्गोस् ●इस्तेऽपलप
हस्त्यश्वगोख हस्त्यश्वगीर * हस्त्यश्वमोनू इस्यश्वरथ
हस्त्यश्वानां त
हानिर्विक्रेतु *हानिश्व क्रेतु
*हानिध हानिश्चेत्तृ हानिस्तत्र स
* हारयन् चोर *हासं परगृ हास्य परगृ *हिंसन्ता हिंसन्ति छद्म हिंसयन्- चोर हिंसाप्रतीका
डम्
मनुः १४७७ बृह. १६४६
"
"
७८७
"
शुनी. ७९०
८०७
९०२
११५८
"
भा. १२४४
१०३२
20: 106,
१००४, १२५७
बृह. १८३०
वृहा. १८९१ व्यासः १८३५
१८३४
का. ९३२
१६२१
99
नार. १८२७
कौ. १७९९ विष्णुः १७९६ वेदाः १८३८
विष्णुः १७९६
भार.
वेदाः
99
मनुः कात्या. ८५४
१६७२
""
मनुः १६२९, १६२९, १७१३, १९२९;
ख: १६७२ विष्णुः १६१२; कात्या. १६५१
याज्ञ. ૮૮૪
33
====
"
در
मरी.
39
७१९
"2
در
८८
६. १६४६
39
"
७६९
याज्ञ. १०८५
33
बृह. १७५९ १७५९
,
१६४६
९.०६
हिंस्युर्धनामि
हिंस्रयन्त्र हिंस्रस्तेनानां
·
हितेषु चैव हित्वा व्रजमा हिन्वानासो र
● हिरण्यं रत
* हिरण्यं रत्न
हिरण्यं सर्पि
हिरण्यकुप्य हिरण्यधान्य
*हिरण्यरज हिरण्यरत्न
● हिरण्यरूप्य हिरण्यवर्ज * हिरण्यवर्ण्य *हिरण्यवस्त्र ● हिरण्यस्य डि हिरण्यस्य प *हिरण्ये त्रिगु हिरण्ये द्विगु
हिरण्येन मु हिरण्योदक
*हीनं जातिप
हीनं पुरुष
हीनं यदनि हीनं यावत्तु सुघटि
हीनः पुरुष डीनकयप
हीनजाति प हीनजातिखि
* हीनमध्योत्त
बृह. १५१४१ प्रजा. १५२६ वृहा. १६५३०
कौ. १६११३
वृहा. १६५३:
मनुः १९३१
आप. ९०४
वेदाः ८११
नार. १७४५
हीनमूल्यं च * दीनमूल्ये तु " + हीनमूल्यम हीनवर्णाको
हीनवर्णाग
,,
१९४०
बृह.
७८७
नार. ६२६; भार. ६३५.
नारं. १७५०
बृह. ६५२, ७२६; कात्या.
कौ.
"
बृद्द.
नार. १७४५
"
१७४५
ડર્ટ૭
"
कात्या.
६२६
विष्णुः ६१०
در
,, ६५८
६३०,
६५८
१८४९
स्मृत्य . ९०१, ११४२, १५८९
याज्ञ. ७२३
मनुः ९०८३
नार.
९१६
यमः
६६०
भार. " शुनी. १७६७ अपु. १९४३
विष्णुः ८९१ याज्ञ. ७२३
विष्णुः १०२१
बृह. ८३५,
१६४५; नार. १८२४ बृह. ७६४
" ८९८
"
कात्या. नार. ७६३ विष्णुः १७७१
१८४६

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