Book Title: Dharmkosh Vyavaharkandam Vol 01 Part 03
Author(s): Lakshman Shastri Joshi
Publisher: Prajnapathshala Mandal

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Page 573
________________ लोकार्थानुकमणिका को. १८४९ सस्यभक्षणे ७५४ सर्वेषां स्वल्प: भर. १.५० । सवर्णाक्रोश. विष्णुः १७७१ | सषोडशावि अनि. १९६५ सर्वेषामन्त सवर्णाजोऽप्य बृह. १४०२ सर्सकराः श्व, नार. ११०५ *सर्वेषामपि सौन. १३६५ सवर्णाज्जन ब्रह्म. १११८ * ससतति स्त्री याज्ञ. ६६८ मनुः १३९३ *सवाद्भात देव. १५२५ । *स सपिण्डकि बृह. १५२० सर्वेषामप्य , सवर्णापुत्रा बौधा. १२३९ *ससमांशित्व *सर्वेषामर्थ सवर्णापुत्रो गोत. १३८६ स सम्यक्पालि याज्ञ. १९०८ सर्वेषामर्थि सवर्णापूर्व आप. १२६६ ससर्ज ताभ्यां भा. १०३०. सर्वेषामल्प नार. १७५० सवर्णा भिन्न बृह. १२३७ ससस्त्यश्वकः वेदाः ८४१ सर्वेषामास को. ८६२ सवर्णा भ्रात देव. १५२५ ससहायः स , मनुः । ७४४. *सर्वेषामेक मनुः १२९० *सवर्णामपू अप. १२६६ ससाक्षिक र बृह. ७५० सर्वेषामेव बृह. ७८५) सवर्णामप्रा का. १८४८ *ससाक्षिकम , . विष्णुः ६७९ शंखः ९.५,नार · ११३१७ सवर्णाय स नार. ७०३, *ससाक्षिकमा, . " ..भा. १९८४, १२४४; ससाक्षिकम बांधा. १८४५ सवर्णायां सं बौधा. १२६८ ससुवणामु : *सर्वेषामेव शान. १३६५) *सवर्णाया अ. विष्णुः १.२३ स सेतुर्विध वेदाः ९२४ मनुः १३९४,१८५६ *सवर्णायास , नार. ७०३ स स्त्रीसाद, सर्वेषु ग्रह गौत- ८१५ सवर्णासु चै ___ को. १२८८ सर्वेषु च क ___ को. ८६२ सुवर्णासु तु भा.११८४, को. ९०६ सर्वेषु चाप . कात्या. १८८८ १२४३ सस्यानां सर्व भा. १९७६ सर्वेषूपनि सवर्णासु ब विष्णुः १०२३ सस्यामिवार बृह. ९१९ *सर्वेष्वधिकृ नार. ८२८ सवर्णासु वि. यज्ञ. १०९१ सस्यापहारी. विष्णुः १६६९ सर्वेष्वर्थवि . याज्ञ. ७३२ *सवर्णास्त्वस त्या. १३४९ सह खट्वास मनुः १८५२ सर्वेष्वेव प्र विष्णुः १४२८ *सवर्णेऽपि तु ८३६ नार. १८८१ *सर्वेष्वेव वि. याज्ञ.. ७३२ - * सवर्णोऽपि तु स ह गवां स वेदाः १९८१ वृहा. ७३४ *सवर्णोऽपि हि.. ". ". स ह घोष आ नार. १५५५ सवर्णो ब्राक्ष नार. ११०५ सह त्वया ग धारा. १०७६. बृह. १५६० *स वाच्यः प्रावि मनुः ७४२ सह त्वया वि सर्वे हि धर्म • आप. १३८७ स विचिन्त्याब भा. ८४० सह, धर्म च .नार १०१६ सर्वे ह्यनौर . देव. १३५१ सवितारं नृ वेदाः ११५८ १०९८ सर्वरनुम मरी. १५८८ स विद्वाँ अप कौ.१०३४ सर्वैरलक्षि शुनी. १११९ स विनाश व मनुः १६२३ अनि. १११८ सर्वैरपायै मनुः ७४१ *स विनेयस्त्व नार. १०९७ सह पिण्डकि बृह. १५२० सर्वोपायवि कात्या. ७५३ *स विभाज्यः स्व मनुः १२१२ सहप्रस्थायि को. १९२२ *सर्वोपायविं स वृत्रहेन्द्रः वेदाः ८०९ स ह प्रातः सं वेदाः १५९३ *स लाभस्य च मनुः ७१८ 'सर्वि प्रति कात्या. १४५८ *सहमायः का बृह. १८८६ स वनस्पती वेदाः १५९८ सवृद्धिकं गृ सह रस्ये त्व वारा. १०७६ *सवर्णजोऽप्य बृह. १४०२ *सवृद्धिकं प्र , १४५८ *स हरेच्चै व, मनुः १३२६ सवर्णतश्च की.१०३९ •सवृद्धिकं स सवर्णमनु नार. १०९६ स वै नैव रे वेदाः १०१० सह वै देवा वेदाः १८९६ *सवर्णमस स वैरदेय *सह शय्यास मनुः १८५२ *सवर्णलिङ्ग बृह. १२३७ स वै वाधुषि बसि. ६०९ नार. १८८१ सवर्णव्यति । शंखः १७७१ स शतं प्राप्नु मनुः ८८२, सह शोणिते. विष्णुः १७९६ *सवर्णा पूर्व आप. १२६६ नार. १०९७ सहसा काम, बृह. १८८६ *सवर्णा शास्त्र मस्य. १८९२ *सहसा कार. सवर्णाः पुत्राः विष्णुः १९८४ | सशिरस्क प्र स्कन्द. १९६५ सहसा क्रिय सवर्णा अस. कात्या. १३४९ | स शूद्रवद . हारी. १०१६ १७४४ M सपिण्डाः सहधर्मच स हरेतैव " ७०३ " १५९५ ___नार. १६४१, भनु. १७

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