Book Title: Collection of Kalka Story Part 02
Author(s): Ambalal P Shah
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab
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४
श्रीदेवचन्द्रसूरिविरचिता
(२) इओ य अस्थि भरुयच्छं णाम णगरं । तत्थ य कालयरिभाईणेजा कलमेत्त-भाणुमेत्ता भायरो राय-जुवरायाणो । तेसिं च भगिणी भाणुसिरी । तीसे पुत्तो बलभाण् णाम कुमरो । तओ तेहिं बलमित्त-भाणुमित्तेहिं परकुलाओ समागेरै सूरिणो सोऊण पेसिओ मइसागरा गाम णियमहतओ उज्जेणिं । तेण य तत्थ गंतूण सगराइणो महाणिबंधेण विसज्जावेग वंदिऊण य विष्णत्ता सूरिणो, अवि य(७२) बलमेत्त-भाणुमेत्ता, भयवं ! भूलुलियभाल-कर-जाण ।
भत्तिभरनिन्भरंगा, तुह पयकमलं पणिवयंति ॥१॥ (७३) करकमलमउलमैउँलं, मोलिम्मि ठवित्तु विष्णेवंति जहा ।
तुह विरहतरणिखरकिरणणियरपसरेण सयराहं ॥२॥ (७४) संतावियाइँ धणियं, जो सरीराइँ अम्ह ता सामि ।।
नियदसणमेहोब्भवदेसणणीरेण निव्ववसु ॥३॥ (७५) किं बहुणा करुणारससमुद्द! अम्हाणमुवरि कारुण्णं ।
काऊणं पावहरं, वंदावसु निययपयकमलं ॥४॥
तओ कालयसूरिणो सगरण्णो सरूवं साहिऊण गया भरुयच्छे । पवेसिया य महया विच्छड्डेणं । वंदियो' भावसारं बलमेत्त-भाणुमेत्त-भाणुसिरि-बलभाणूहिँ । समाढता य भगवया भवणिव्वेयजणणी धम्मदेसणा, अवि य
तुसरासि व्व असारो संसारो, विजुलयाओ व चंचलाओ कमलाओ, अप्पहगामुयबोलावणयसामण्णं तारुण्णं, दारुणदुहृदाइरोगा भोगोवभोगा, माणससारीरियखेयनिबंधणं धणं, महासोगाइरेगा इट्ठजणसंपओगा, णिरंतरपेरिसडणसीलाणि आउयदलाणि, ता एवं ठिए भो भन्यो ! लवण कुलाइजुत्तं माणुसत्तं निद्दलेयव्वो पमाओ, कायब्वो सव्वसंगचाओ, बंदणीयौं देवादिदेवा, कायव्वा सुगुरुचैलणसेवा, दायव्वं सुपत्तेसु दाणं, ण कायव्वं णियाणं, अणुगुणेयन्वो पंचणमोकारो, कोयम्यो जिणाययणेतु प्यासकारो, भावियवाओ दुवालस भावणाओ, रक्खेयवाओ पवयणोहावणाओ, दायव्वा सुगुरुपुरओ णियदुश्चरियालोयणा, कायव्वा सव्वसत्तखामणा पडिवज्जेयत्वं पायच्छित्तं, न धारियन्वमसुहचित्तं, अणुट्टियध्वाणि जहासत्तीए तवच्चरणाणि, दमियनुवाणि 'दुईताणि इंदियाणि, शाएयव्वं सुहद्माणं, बोच्छेज्जए नेण संसारसंताणं किं बहुणा ! एवमायरंताणं तुम्हाणं भवेस्सह अचिरेणेव निव्वाणं ति । (७६) इय मूरिवयणमायण्णिऊण संजायचरणपरिणामो । __सो बलभाणू कुमरो, रोमंचोचइयसव्वंगो ॥५॥ (७७) करकोरयं विहेडं, सिरम्मि अह भणइ एरिसं वयणं ।
संसारचारगाओ, णित्यारेहि गाह ! मं दुहियं ॥६॥ (७८) भवभयभीयस्स महं, उत्तमणरसेविया इमा सामि ।।
दिजउ जिणेददिक्खा, जइ जोग्गो मा चिरावेह ॥७॥
१२५ • भायणे • ABE | १२६ •ए सो • H। १२. •मम• EHI १२० •, मउ H I २९ •णविंति CDO I १३. •था य भा• CDEHI १३१ • पस्सेडण • ABI २ बा! एवं विप्राय ज्वन बाइक HIR३ मणुयस CDEHI 1 वंदेयन्वा दे B1, दिपम्या .EHI 11५. चरण • CDEHI
• यम्बा निणेस पूया • EHI १३. दुइंतकरणागि मा•CDEHIR.रेपनि • ABIR रस नाTIEHI
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