Book Title: Anandrushi Abhinandan Granth
Author(s): Vijaymuni Shastri, Devendramuni
Publisher: Maharashtra Sthanakwasi Jain Sangh Puna
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शभकामना
रक्षामंत्री, भारत
नई दिल्ली ४ नवम्बर, १९७३
प्रिय सुरानाजी,
आपके द्वारा यह ज्ञात हुआ कि
आचार्य श्री आनन्दऋषि-अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति द्वारा उनके ७५ वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर उनका अभिनन्दन किया जा रहा है, और उन्हें एक ग्रन्थ समर्पित किया जाएगा।
आशा है, ग्रन्थ में आचार्य जी की जीवनी, तपस्या एवम् धार्मिक सेवाओं का समुचित दिग्दर्शन होगा।
समारोह सफल हो एवं ग्रन्थ उपयोगी सिद्ध हो ।
-जगजीवन राम
नौवहन और परिवहन मंत्री
नई दिल्ली
(भारत)
२७ दिसम्बर १९७४ यह हर्ष का विषय है कि आचार्य प्रवर श्री आनन्द ऋषि जी महाराज का अभिनन्दन १३ फरवरी को पूना में हो रहा है। आचार्य श्री का पवित्र जीवन जन-साधारण के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। आचार्य श्री की श्रद्धा के प्रतीक अभिनन्दन ग्रंथ भेंट करने का कार्य सराहनीय है। मैं इस अवसर की सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभ कामनाए भेजता हूँ।
--कमलापति त्रिपाठी
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