Book Title: Yoga kosha Part 2
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 6
________________ ( 5 ) विवा०-विवागसूयं णमोकार महामंत्र वाच०-वाचस्पत्यम् पं० श्वे.-पंचसंग्रह ( श्वेताम्बर) बिशु०-विशुद्धिमग्ग कम्म-कर्म प्रकृति विशेभा०-विशेषाबश्यक भाष्य-कोटयाचार्य जैनसिदी०-जैन सिद्धान्त दीपिका टीका योग बिन्दु०-योग बिन्दु शब्द-~-शब्दकल्पद्रुम ५ भाग वीरवर्धच०-वीर वर्धमान चरितम् राय०-रायपसेणियं अभिधान चिन्तामणि संस्कृत कोश एकी०-एकीभावस्तोत्र त्रिशलाका-त्रिशष्ठि शलाका पुरुषचरितम् झीणी.-झीणीचर्चा दर्शनसार मिथ्या०-मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक पुदको० १-पुद्गल कोश भाग १ विकास पुदको० २-पुद्गल कोश भाग २ ध्या०-ध्यान कोश विष.-विषपाहार स्तोत्र क्रिया०—क्रियाकोश वर्धको०--वर्धमान जीवन कोश वधo--वर्धमान जीवन कोश, भाग १ भाग २, ३ सूत्रचू०-सूत्रकृतांग चूणि लेको०-लेश्या कोश पउम०-पउमचरिय लेश्याको०-संयुक्त लेश्या कोश कप्र.-करण प्रवचन सारोद्वार (दिगम्बर सोर्स ) योगश०-योगशलक वड्ढच०-वड्ढमाण चरिउ योगसा०-योगसार अयोग-अयोग षट्त्रिंशिका वव०-ववहारो कसापा-कसायपाहुडं सम०-समवाओ -न्यायावतार सूय०--सूयगडो अणुओ० हारि०-अनुयोगद्वार हारिभद्रीय सूर०-सूरपण्णत्ती हेम-सिद्धहेम शब्दानुशासनम् -ज्ञानसार सिद्ध ० -सिद्धहेम शब्दानुशासनम् --समयसार योगस०-योग समुच्चय जि० चू०-जिनदास चूणि षट्०-षटखंडागम भक्तामर स्तोत्र वीरजि०-वीरजिणिदचरिउ उपदेश सप्तति धर्मो०-धर्मोपदेशमाला प्रशमरति प्रकरण वृ० ह. (वृह)-बृहद्हारिभद्रीय टीका मूला०-मूलाचार टीका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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