Book Title: Vitrag Vigyana Pathmala 2
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 30
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates छात्र - ये तिरछे है या नीचे-नीचे ? अध्यापक - ये तो ऊपर-ऊपर हैं। छात्र - अच्छा नरक तो सात हैं पर स्वर्ग ? प्रध्यापक – स्वर्ग तो सोलह हैं, जिनके नाम हैं-सौधर्म-ऐशान, सानत्कुमार माहेन्द्र, ब्रह्म-ब्रह्मोत्तर, लान्तव-कापिष्ठ, शुक्र-महाशुक्र, सतारसहस्त्रार, आनत-प्राणत, प्रारण-अच्युत। इनके भी ऊपर नौ ग्रैवेयक, नौ अनुदिश और पाँच अनुत्तर विमान हैं। सर्वार्थसिद्धि इन्हीं पाँचों में पाँचवाँ विमान है। छात्र - इसके ऊपर क्या है ? अध्यापक – सिद्धशिला; जहाँ अनंत सिद्ध विराजमान हैं। सामान्यतः यही तीन लोक की रचना है। छात्र - गुरुजी! हमें तो पूर्ण संतोष नहीं हुआ , विस्तार से समझाइये ? अध्यापक – एक दिन के पाठ में इससे अधिक क्या समझाया जा सकता है ? यदि तुम्हें जिज्ञासा हो तो तत्त्वार्थसूत्र, तत्त्वार्थवार्तिक, त्रिलोकसार आदि शास्त्रों से जानना चाहिये। प्रश्न - १. जम्बूद्वीप का नक्शा बनाइये तथा उसमें प्रमुख स्थान दर्शाइये। २. नरक कितने हैं ? उनके नाम लिखकर वहाँ की स्थिति का चित्रण अपने शब्दों में कीजिये। ३. क्षेत्रों का विभाजन करने वाले पर्वतों और क्षेत्रों के नाम लिखकर कुन्दकुन्द और सीमन्धर स्वामी का निवास बताइये। २७ Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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