Book Title: Shukl Jain Mahabharat 01
Author(s): Shuklchand Maharaj
Publisher: Kashiram Smruti Granthmala Delhi

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Page 5
________________ सह म प गा उन्ही सत पुरुष स्व० प्राचार्य पजाब केशरी श्री काशीराम जी महाराज जिन के चरणो मे वर्षों ज्ञानार्जन का अनुपम अवसर पा अतुल शाति, गहन गाभोर्य तथा निर्मल चारित्र्य आदि जोवनोत्कर्ष मार्गों की अमूल्य प्रेरणा मिली उनकी पवित्र स्मृति तथा परम स्नेही, महामना दीर्घ तपस्वी सरलात्मा श्रद्धेय श्री निहालचन्द्र जी महाराज जिन के अनुग्रह का हाथ सदा मेरे सिर पर रहा है करकमलो मे सहर्ष, सभक्ति सादर " समर्पित मे दिल्ली कमला नगर ता० २६-१-५८ विनीत"शुक्ल मुनि"

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