Book Title: Sadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Author(s): Dineshmuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ समर्पणसुमन जिनका जीवन, सूर्य की तरह तेजस्वी है, और चन्द्र की तरह सौम्य है। जिनका जीवन अगरबत्ती की तरह सुगन्धित और मोमबत्ती की तरह प्रकाशित है। जिनका जीवन अंगुर की तरह रसमय और बादाम की तरह स्निग्ध है। जिनका जीवन मिश्री-सा मधुर और फूल-सा कोमल है । जिनका जीवन ज्ञान, दर्शन और चारित्र त्रिवेणी का संगम है। जिनके जीवन में तप की तेजस्विता एवं अध्यात्म-साधना का दिव्य आलोक जगमगा रहा है । उन्ही परम श्रद्धया सद्गुरुणी जी श्री पुष्पवतीजी महाराज के पवित्र कर कमलों में सादर सविनय, समर्पित -दिनेश मुनि Jain Education International Anal Use Only www.jainelibrary.org VAHIRE

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 716