Book Title: Sadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Author(s): Dineshmuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 9
________________ संसद सदस्य (राज्य सभा) यह जानकर प्रसन्नता हुई कि साध्वीरत्न श्री पुष्पवतीजी के सम्मान में एक अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित किया जा रहा है । मैं साध्वी जी के दीर्घ जीवन की कामना करता हूँ और आशा करता हूँ कि उनके जीवन और व्यवहार से प्रेरणा लेकर अपरिग्रह के आधार पर समाज के परिवर्तन के कार्य को नई गति प्राप्त होगी। शुभकामनाओं के साथ, नई दिल्ली ३१ अक्टूबर १९८६ भवदीय, - अटलबिहारी वाजपेयी शिक्षा मन्त्री राजस्थान मुझे यह जानकर हादिक प्रसन्नता हुई कि साध्वीरत्न श्री पुष्पवतीजी जैन समाज को विदुषी साध्वी ५०३ दीक्षा वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। इन्होंने भारत का पैदल भ्रमण कर देशवासियों को अहिंसा, सत्य एवं संयम का संदेश दिया है। अभिनन्दन ग्रन्थ के प्रकाशन से देश के हर क्षेत्र व धर्म के लोगों को नैतिक चरित्रवान जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस प्रकाशन की सफलता की । शुभकामनाएँ। ...-हीरालाल देवपुरा II TTT7 m जयपुर २५ अक्टूबर, १९८६ शुभकामनाएँ : सन्देश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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