Book Title: Sadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Author(s): Dineshmuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 12
________________ अध्यक्ष मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि साध्वीरत्न श्री पुष्पवतीजी के दीक्षा स्वर्ण जयन्ती के पावन प्रसंग पर एक सार्वजनिक अभिनन्दन समारोह में उनका अभिनन्दन किया जा रहा है । राजस्थान विधानसभा मैं अभिनन्दन समारोह एवं अभिनन्दन ग्रन्थ के प्रकाशन की सफलता की कामना करता हूँ। .-गिरिराज प्रसाद तिवारी जयपुर ६ अक्टूबर १९८६ मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि परम विदुषी साध्वी श्री पुष्पवती स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जी की ५०वीं दीक्षा तिथि के पावन अवसर पर उनके तेजस्वी व्यक्तित्व और राज्य मन्त्री भारत कृतित्व को उजागर करने वाला एक विराटकाय अभिनंदन ग्रन्थ प्रकाशित किया जा रहा है। मेरी शुभकामना है कि आपका यह आयोजन सफल हो । नयी दिल्ली सरोज खापर्डे २० अक्टूबर, १९८६ शुभकामनाएं : सन्देश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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