Book Title: Prakrit Gadya Sopan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ प्रकाशकीय प्राकृत भारती संस्थान ने अब तक 25 प्रकाशन पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर दिये हैं । उनमें से प्राकृत भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए 5-6 पुस्तकें संस्थान में प्रस्तुत की हैं। उनका प्राकृत भाषा के प्रेमी पाठकों एवं शिक्षा-संस्थानों में समादर हुआ है। प्राकृत भाषा को प्रारम्भिक स्तर पर सीखने-सिखाने के लिए तथा प्राकृत साहित्य की विभिन्न विधामों से परिचित कराने के लिए डॉ. प्रेम सुमन मैन ने कुछ पुस्तकें लिखी है। उनमें से प्राकृत स्वयं-शिक्षक एवं प्राकृत काव्य-मंजरी संस्थान ने प्रकाशित की है। डॉ. जैन की इस तीसरी पुस्तक प्राकृत गव-सोपान को भी प्रकाशित करते हुए संस्थान को प्रसन्नता है कि वह प्राकृत भाषा की इन महत्त्वपूर्ण पुस्तकों को प्राचीन भाषाओं के प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत कर उनके ज्ञानार्जन में सहयोगी बन रहा है। डॉ. जैन की इन तीनों पुस्तकों के द्वारा माध्यमिक शिक्षा से लेकर स्नातक स्तर तक की कक्षाओं में प्राकृत भाषा व साहित्य के पठन-पाठन को जारी रखा जा सकता है । धार्मिक शिक्षण संस्थाएं भी अपने पाठ्यक्रमों में प्राकृत भाषा का प्रारम्भिक शिक्षण इन पुस्तकों के माध्यम से प्रदान कर सकती हैं । डॉ. जैन ने पद्यपि प्राकृत एवं जनविद्या के उच्च स्तरीय शोध-अनुसंधान के क्षेत्र में भी पुस्तकें लिखी हैं । किन्तु उन्होंने प्राकृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रारम्भिक स्तर पर जो ये पुस्तकें तैयार कर संस्थान को उन्हें प्रकाशित करने का अवसर दिया है, उसके लिए संस्थान लेखक का आभारी है। डॉ. जैन की यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा कक्षा 9 व 10 के लिए स्वीकृत प्राकृत-पाठ्यक्रम के अनुसार है। इस तरह प्राकृत पद्य एवं गद्य दोनों की पुस्तकें संस्थान ने प्रकाशित कर दी हैं । आशा है, अजमेर बोर्ड एवं अन्य राज्यों के माध्यमिक बोर्ड भी प्राकृत भाषा के पठन-पाठन के लिए संस्थान की इन पुस्तकों का उपयोग कर सकेंगे। ये पुस्तकें प्राकृत भाषा-ज्ञान के अतिरिक्त भारतीय Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 214