Book Title: Prakrit Gadya Sopan Author(s): Prem Suman Jain Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur View full book textPage 9
________________ पाठ १३. कयग्घा वायसा पाठ १४. सिप्पी कोक्कासो पाठ १५. अग्गिसम्मस्स पराहवं पाठ १६. गुणसे पइ नियाणो पाठ १७. मित्तस्स कवडं पाठ १८. धणदेवस्स पुरिसत्यं पाठ १६. णरवइणो ववहारो पाठ २०. चन्दनबाला पाठ २१. जहा गुरू तहा सीमो पाठ २२. मयर सिरीए सिक्खा पाठ २३. दमयंती-सयंत्ररो पाठ २५. वरस्स रिगणयं पाठ २६. सेट्ठयमा पुत्तलिगा पाठ २७. परोवगारिणो पक्खिणो पाठ २८. साहु-जीवणं पाठ २६. चेडस्स धम्मबुद्धि पाठ ३०. अंगुली यस्स पत्ति पाठ ३१. कवि-गोट्ठी पाठ ३२. पाइय अहिले हारिण (ग) प्राकृत भाषा एवं साहित्य (घ) परिशिष्ट : वसुदेवहिण्डी 31 Jain Educationa International : : : पाठ २४. विज्जुपहाए साहम - करुणा : • : : १. गद्य - पाठों का हिन्दी अनुवाद २. अपठित प्राकृत गद्यांश समराइच्चकहा 31 : उत्पन्न महापुरिसचरियं 74 : मनोरमाकहा : कुवलयमालाकहा " : : कुमारालपडिबोह प्रारामसोहाकहा सेहर निका पाइ विन्नारणकहा सिरिचंदराय वरियं रयरवाल कहा मृच्छकटिकं रयणचूडरायचरियं ܙ ܕ : 10 : : श्रभिज्ञानशाकुन्तलं : कर्पूरमंजरी : १. प्रमुख प्राकृत भाषाएं २. प्राकृत गद्य साहित्य की रूपरेखा ( आगम, कथा, चरित, नाटक, एवं शिलालेखी साहित्य ) अशोक के शिलालेख 000 49 52 55 60 67 71 For Personal and Private Use Only 77 82 84 87 92 97 101 105 109 112 114 117 119 पृष्ठ 122-140 122 126 पृष्ठ 141 141 199 202 www.jainelibrary.orgPage Navigation
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