Book Title: Prakrit Gadya Sopan
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ अनुक्रमणिका (क) प्राकृत व्याकरण-अभ्यास पृष्ठ 2-23 पाठ १. कारक एवं विभक्तियां : 2-15 1. गिह-उववनं [षष्ठी विभक्ति ] 2. विज्जालयं 3. उदाहरण वाक्य [ " " ] 4. कुडम्ब [द्वितीया विभक्ति] 5. पभायवेला 6. उदाहरण वाक्य [ " "] 7. गुणगरिमा 8. उदाहरण वाक्य [सप्तमी । 9. दिणचरिया 10 उदाहरण वाक्य [तृतीया । "] 11. सरोवरं 12 उदाहरण वाक्य [चतुर्थी 13. लोअ-मरूवं 14 उदाहरण वाक्य [पंचमी 15. नियम : कारक-शब्दरूप : पाठ २. वत्तालावं पाठ ३. जीवलोप्रो पाठ ४. अम्हागपुज्जणीमा (ख) प्राकृत गद्य-संग्रह पृष्ठ 24-121 24. 27 31 33 पाठ ५ विज्जाविहीणो नस्सइ : उत्तराध्ययनटीका पाठ ६. लोहास न तो पाठ ७. प्रसंतोसस्स दोसो : उत्तराध्ययनरिण पाठ ८. मेरुप्पभम्स हथिणो अनुकंपाः ज्ञाताधर्मकथा पाठ ६. नंद मरिणाारस्स जणसेवा : पाठ १०. कण्हेण थेरस्स सेवा : अन्तकृद्दशा पाठ ११. कलहो विणास-कारणं : निशीथविशेषरिण पाठ १२. धुत्तो सागडिपो च दशवकालिकचूरिण 36 44 47 Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 214