Book Title: Navkar Navlakhi Author(s): Manjulashreeji Publisher: Labdhi Vikramsurishwarji Sanskruti Kendra View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस मनुष्य जीवन की १०० साल की आयु मानी जाय तो भी जीवन का कुल घंटे ९ लाख से ज्यादा नहीं हो सकता है। अतः एकघंटा पर एक नवकार मंत्र प्रतिष्ठित करके जीवन साफल्य हेतु ९ लाख नवकार मंत्र का जाप करना वह जैन जगत के लिये अनिवार्य कोर्स है। अंत में एक ही कहना है - "गिनें मंत्र नवकार - बनें शीघ्र भवपार" पूज्य श्री की यह भावना से भावित बनकर श्री अध्यात्ममग्ना विदुषी सा. वर्या निपुणाश्री की शिष्या सा. वर्या मंजूलाश्री की प्रेरणा से "श्री जिनराज नवकार माला"(श्री नवकार नवलखी) लघु पुस्तिका प्रकाशितकी गई है। ताकि आराधकों को ९ लाख नवकार मंत्र की गिनती में सहायता मिलेगी.... आराधकों ! पूज्य श्री के ५१वें जन्मदिन के उपलक्ष में ९ लाख नवकार मंत्र का जाप करने का संकल्प करें एवं धन्य बनें। ___ - सा. वर्या रत्नचूला श्री For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52