Book Title: Navkar Navlakhi
Author(s): Manjulashreeji
Publisher: Labdhi Vikramsurishwarji Sanskruti Kendra

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जब हम मन को एक पुष्ट आलंबन दे देते हैं तब सारे विकल्प क्षीण हो जाते हैं, और मंत्रात्मक संकल्प पुष्ट होने लगता है। _ नमो-अहं का विसर्जन, अरिहंताणंममत्व का विसर्जन नमस्कार महामंत्र के पांचों पदों से पांच परम आत्म शक्तियां जुड़ी हुई हैं केवल आत्म और परमात्म तत्व इसके साथ जुड़ा हुआ है, अर्हत् परमात्मा है, सिद्ध परमात्मा है। आचार की गंगा में अवगाहन करने वाले ऐसे नंदनवन में रहने वाले जिनके आस-पास सौरभ फूटता है वे परम आत्म जागरण करने वाले आचार्य इसके साथ जुड़े हैं, वे उपाध्याय इसके साथ जुड़े हुए हैं जो समग्र श्रुतराशि का अवगाहन कर ज्ञान का आलोक विकीर्ण करते हैं, इसके साथ जुड़े हुए हैं वे साधु या साधक जो आत्मा के समस्त आवरणों को दूर कर परमात्मा से साक्षात्कार करने का सतत उपक्रम कर रहे हैं। विश्व की For Private And Personal Use Only

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