Book Title: Navkar Navlakhi
Author(s): Manjulashreeji
Publisher: Labdhi Vikramsurishwarji Sanskruti Kendra

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सारी पवित्र आत्माएं किसी संप्रदाय की नहीं, किसी धर्म विशेष की नहीं, किसी जाति की नहीं सबकी है वे सबके साथ जुड़ी हुई हैं। नवकार मंत्र सब मंत्रों का सिरमौर है, यह न केवल चौदह पूर्व का सार है, बल्कि सब मंत्रों की आभा है, जैन धर्म का प्राण है, नवकार महामंत्र रक्षा का कवच है, जिसमें अरिहंत कां अपूर्व दर्शन ! सिद्ध का स्वात्मभावी अनुभव ! आचार्य की अनुपमेय स्थिति का अवतरण ! उपाध्याय के निरुपाधिक स्वरुप का समीचीन बोध और साधु के स्व-पर साधक का अनुकरण, इस प्रकार स्व से सर्व में समाहित होने का अद्भुत उपक्रम ! वामन से विराटता का बोधक है। ऐसे महान नवकार मंत्र का जाप कर आत्म कल्याण करें। वीतरागी बनें, पूज्य श्री के आराध्य नवकार मंत्र की नवलखी को नंदनवन प्रवेश के निमित्त से शुरू करें। आपके जीवन को भी नंदनवन बनाये । For Private And Personal Use Only

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