Book Title: Mantraraj Guna Kalpa Mahodadhi
Author(s): Jinkirtisuri, Jaydayal Sharma
Publisher: Jaydayal Sharma

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Page 284
________________ (४) श्रीमन्त्रराजगुणकल्पमहोदधि । पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति अशुद्ध ६८ २५ ता ७५ २ रहुण, ६६ २ अर्थात् प्राप्त कि- अर्थात् " ५ "अरहंताणं "भरहताणं" " ७ शाल्मलीका (३) शाल्मली(३)का " ३ पद (पद " ११ अरहन्तक अरहन्नक . " ७ प्रही करो) प्रही करो । '१३ अरहन्तक अहन्नक " १६ “ऋण” “ ण” " २५ पुहवास पुहवीश ७० ७ "नमो” अरिह "नमो अरिह" ७६ १० वर्जक (६) वर्जक (६) है, " ७ "नमोदरिह "नमोदरिह” | " १२ उन को उन को " १७ अणम् (अणम् ७६ ” उदयम उद्यम " १६ नाशक सिंह(७) नाशक(७)सिंह ” १४ हम्" " २४ काम देवका कामदेव का ” २१ तो। ” २५ (भौंरा (भौंरा) ” २७ शिवमतातुयायी शिवमतानुयायी १४ अथात् অথ। ७७ १ वन्दी वह वन्दी ७ "अरहन्ता " "अरहन्ताः " १४ यह "नम" २५ प्रमाण (१०)वेदी प्रमाणवेदी (१० १२ "नम्" २३ "णम" "णम्" १५ म "म" १३ प ार्थों पदार्थों १५ सिद्ध होता १६ बहिन वन्हि ” १६ अरहन्” "अरहन्” " २१ यह, "अराः २१ "अरा” " २२ रित् २१ "ताण "ताण" २५ शिग्रुका (१३) शिग्रु (१३) का " २२ (१०) है, (१०) हैं, २७ प्रस्तुति प्रस्तुति, ". २७ (केवल (केवल) १० शरणं शरण ७८ ७ प्रसिद्ध है प्रसिद्ध हैं २५ प्रज्ञापता प्रज्ञापना " १२ स्वराणां “स्वराणां १६ (६ " २७ (दुःखी रहित) (दुःखी, रहित) १६ नरि ७६ ३ प्रणाम(१)कारी प्रणामकारी(१) २१ "हताऽन "हताऽन" १० यहां यहां पर २४ अथात् अर्थात् ” ११ किम् . किम् - २५ नाशक था, (6) नाशक (6) था, ८० १ ऋण ऋण २८ हाथ हाथ, " " ८ चारिव वारिव सिद्ध यह रित , नीर Aho! Shrutgyanam

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