Book Title: Jinaharsh Granthavali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 600
________________ [ ५३० ] २२६ ૨૨૮ २३१ १३२ । १०१ कलीयउ कलाले मद पीयइ रे, काइ सांईना रे साथि रे २४७ १०२ पनिया मारूनी २४८ १०३ प्यार उ प्यारउ करती १०४ छाजइ बइठी साद करू , लाज मरू, घरि आवउ क्यु नइलो ___ म्हारा राजिंदा जी रे लो २२७,२३६ १०५ लाहउ लेज्यो जी १०६ समुद्रविजय कउ नेमकुमरजी सखी थे तउ जाइ मनावउ नइ भोरी ल्यावउ नइ, सांवरिया नइ समझावर नइ २३० १०७ मोरी दमरी अपूठी ल्याव्योजी मोरी द० १०८ रूडी रूड़ी रे वारणि रामला पदमिनी रे १०६ कपूर हुवइ अति ऊजलो रे २५५,३२८,४७८,५०० ११० ईडर आँबा आविली रे २५७ १११ वाल्हेसर मुझ वीनति गोडीचा [जिनराजसरि गौड़ी पार्श्व स्त०] २६३,२६४,४४८ ११२ सदा सुहागण २६५ ११३ घडलइ भार मरा छा राजि २६७ . ११४ झवखड़ा नी, मॅबखारी २६७,३३१ १ ११५ वीर विराजै वाड़िया सीता २६६ ११६ वारी रे रसीया रग लागो १२७ हुं वारी लाल, करकड़ ने करुं वदना हुँ वारी [समयसुन्दर-करकण्डु प्रत्ये० गीत] '२७५ ११८ पहिलउ वधाव उ म्हारइ सुसरा रइ होइयो . २७६ २७३ .

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