Book Title: Jinaharsh Granthavali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 602
________________ PATNA [३२] १४० वीर जिणेसर नी [ गौतमरास-विनयप्रभ ] १४१ चूनडी री १४२ उलाला नी १४३ श्री नवकार जपउ मन रंगई [ पद्मराज-नवकार १४४ धण रा ढोला १४५ घरि आवर जी आंवर मउरीयत्र १४६ विमलाचल सिर तिलड 1 L ३२१,३६३ ३३० ३३७ 3 १४७ अढीया नी Bi ३६.५ १४८ इणि अवसर दसउर पुरई १४६ विलसे रिद्धि समृद्धि मिली [ साधुकीर्त्तित-निनकुशल ल० ३७५ १५० प्रभु नरक पडतउ राखियइ [ समयसुंदर-श्रेणिक गीत ] ૩૮ १५१ आख्यान नी ३८२,४४४ १५२ चन्द्रायणा नी १५३ कलालकी री १५४ जिरे जिरे सामि समोसर्या १५५ हो मतवाले साजना ४५०,४५३ १५६ सुणि वहिनी पिउड़ो परदेसी [जिनराज आतम काया गीत ४५२ १५७ नाचे इद्र आणद सुं ४५६ १५८ घरि आवउ हो मनमोहन घोटा ४५७ १५६ सुगुण ४५८ १६० इतला दिन हॅू जाणती रे हा [ जिनराजसूरि-शालिभद्र चौ० ] ४५६ १६१ अरधमंडित नारी नागिला रे [ समयसुंदर-भव नागिला ' गीत ] ४६३, ४६८ 1 ३३६,३७७ ३४५,४६७ ३८६ ४४७ ४४६

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