Book Title: Jain Lakshanavali Part 2
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 434
________________ जैन-लक्षणावली संख्या संकेत ग्रन्थ नाम ग्रन्थकार प्रकाशक प्रकाशन काल | जैन पुस्तकोद्धार फंड, बम्बई | ई. १९२० : १०४ | जम्बूद्वी. | जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिमूत्र १०५ | जम्बूद्वी. शा. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति वृत्ति | शान्तिचन्द्र | जम्बू. च. | जम्बूस्वामिचरित पं. राजमल्ल वि. सं. १९९३ मा. दि. जैन ग्रन्थमाला समिति, बम्बई · श्रुत. वृ. जसहरचरिउ पुष्पदन्त कवि कारंजा सीरीज, कारंजा | जं. दी. प. जंबूदीव-पण्णत्ति-संगहो मा. पनन्दी जैन संस्कृति संरक्षक, संघ | " २०१४ सोलापुर जिनदत्तच. | जिनदत्तचरित्र गुणभद्राचार्य मा. दि. जैन ग्रन्थमाला जिनसहस्रः जिनसहस्रनाम टीका भ. श्रुतसागर भारतीय ज्ञानपीठ काशी १ जीतक. जीतकल्पसूत्र | जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण जैन साहित्य संशोधक समिति अहमदाबाद | जीतक. चू. | जीतकल्पसूत्र चूणि सिद्धसेन सूरि | जीतक. वि. | जीतकल्पचूणि विषम- श्रीचन्द्र सूरि व्या. | . पदव्याख्या ११४ जीव. च. | जीवन्धरचम्पू कवि हरिचन्द्र टी. एस. कुप्पूस्वामी, तंजोर ई. १६०५ जीवविचार शान्तिसूरि जीवस. जीवसमास (मूल) ऋषभदेव केशरीमल श्वेता. | ई. १९२८ संस्था, रतलाम जीवाजी. जीवाजीवाभिगम | जैन पुस्तकोद्धारफंड, बम्बई | ई. १६१६ जीवाजी. जीवाजीवाभिगम वृत्ति | प्रा. मलयगिरि मलय. व. जनत. जैनतर्कपरिभाषा उ."यशोविजय जैनधर्म प्रसारक सभा, - वि. सं. १९६५ भावनगर जैनेन्द्र. जैनेन्द्र-व्याकरण | पूज्यपाद (देवनन्दी) | भारतीय ज्ञानपीठ काशी | ई. १९५६ . ज्ञानबिन्दु ज्ञानबिन्दु प्रकरण उ. यशोविजय ज्ञा. सा. | ज्ञानसार पद्मसिंह मुनि . मा. दि. जैनग्रन्थनाला, बम्बई | वि. सं. १९७५ ज्ञानसार सूत्र उ. यशोविजय प्रात्मानन्द सभा, भावनगर | वि. सं. १६७१ १२४ | ज्ञा. सा. टी. ज्ञानसार टीका देवभद्र मुनीश १२५ ज्ञाना. ज्ञानार्णव : शुभचन्द्र आचार्य . परमश्रुत प्रभावक मंडल, बंबई | ई. १९२७ : Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452