Book Title: Jain Lakshanavali Part 2
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 451
________________ पं० बालचन्द्र जी का जन्म सं० १९६२ में सौरई जिला झांसी में हुआ है । स्याद्वाद महाविद्यालय बनारस में शिक्षा प्राप्त की। सन् १९२८ से १९४० तक पं० पन्नालाल जैन विद्यालय जारखी और ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम चौरासी मथुरा आदि में अध्यापन कार्य किया। साहित्यिक कार्य सन् १९४० से अब तक साहित्यक कार्य कर रहे हैं। शिताबराय लक्ष्मी चन्द जैन साहित्योधारक फण्ड से प्रकाशित षटखण्डागम (धवला) के ६ से १६ भाग तक ११ भागों का अनुवाद व सम्पादन । जीवराज जैन ग्रन्थमाला द्वारा प्रकाशित ग्रंथों का सम्पादन व अनुवाद प्रकाशित-प्रात्मानुशासन, पूण्यास्रव-कथाकोश और लोक विभाग का सम्पादन । तिलोयपण्णत्ती, जंबूद्वीवपण्णत्ती और पद्यनन्दि पंचविंशतिका का अनुवाद । अप्रकाशित-सुभाषित-रत्नसंदोह. ज्ञानार्णव और धर्मपरीक्षा का अनुवाद, श्वे. सावयपण्णत्ती का अनुवाद, वीरसेवामन्दिर से प्रकाशित लक्षणावली के प्रथम भाग का सम्पादन। Sairematest www.jaineliorary org

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