Book Title: Bindu me Sindhu Author(s): Hukamchand Bharilla, Yashpal Jain Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur View full book textPage 4
________________ प्रकाशकीय डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल जैनदर्शन के मर्मज्ञ विद्वानों में अग्रणी हैं। वे कुशल वक्ता तो हैं ही, लेखन के क्षेत्र में भी उनका कोई सानी नहीं है। अबतक आपके द्वारा सृजित ६७ छोटी-बड़ी पुस्तकों का देश की विभिन्न भाषाओं में लगभग ४२ लाख से अधिक की संख्या में प्रकाशन हो चुका है, जो एक रिकार्ड है। इस कृति में डॉ. भारिल्ल के अब तक प्रकाशित साहित्य में से महत्त्वपूर्ण अंशों को चुनकर प्रकाशित किया गया है। इसप्रकार यह कृति देखने में अवश्य लघुकाय है, परन्तु वास्तव में 'बिन्दु में सिन्धु' नाम को सार्थक करते हुए इसमें अपार सम्पदा भरी पड़ी है। यदि इस साहित्यसिन्धु में आपको कुछ रोचक व सारगर्भित लगे तो आप उनके सम्पूर्ण साहित्य को एक बार अवश्य पढें । साहित्य सूची पृथक् से प्रकाशित है। १५ दिसम्बर, २००७ - ब्र. यशपाल जैन, एम.ए. प्रकाशन मंत्री, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुरPage Navigation
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