Book Title: Bindu me Sindhu Author(s): Hukamchand Bharilla, Yashpal Jain Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur View full book textPage 7
________________ ८. स्वयं शान्त रहनेवालों की शान्ति को भंग कौन कर सकता है? ६. उत्तेजनात्मक हथकण्डों की उम्र बहुत कम होती है। १०. कोई किसी का शाश्वत विरोधी और मित्र नहीं होता। ११. हमें विरोधियों को नहीं, विरोध को मिटाना है। ___ १२, क्रान्ति में हृदयपक्ष की प्रधानता रहती है, भावनापक्ष प्रधान रहता है; पर शान्तिकाल में बुद्धि की परीक्षा की घड़ी आती है। क्रांति विध्वंस करती है और शान्ति निर्माण। १३. लड़ाती कषाय है, स्वार्थ है और बदनाम धर्म होता है। १४. व्यक्ति की ऊँचाई का आधार उसकी योग्यता और आचार-विचार है, न कि जन्म। १५. व्यक्ति विशेष की महिमा से सम्प्रदाय पनपते हैं और गुणों की महिमा से धर्म की वृद्धि होती है। कPage Navigation
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