Book Title: Vardhaman Jivan kosha Part 2
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 8
________________ आशीर्वचन भगवान महावीर का जीवन अनेक दृष्टियों से अनेक लेखकों ने लिखा है । कुछ लेखकों ने स्वतन्त्र रूप से लिखा हैं और कुछ लेखकों ने साधार । स्वर्गीय श्री मोहनलालजी बांठिया और श्रीचन्द चोरड़िया के संयुक्त प्रयास से कुछ वर्गीकृत कोशों का संकलन किया गया है। उनमें से लेश्या कोश, क्रियाकोश और वर्धमान जीवन कोश ( प्रथम खण्ड ) प्रकाशित हो चुके हैं। प्रस्तुत प्रन्थ वर्धमान जीवन-कोश (द्वितीय खण्ड) प्रकाशनाधीन है । यह कोई स्वतन्त्र या मौलिक चिन्तन से प्रसूत जीवन जीवनवृत्त नहीं है। जैन आगमों और प्राचीन ग्रन्थों के आधार पर इसका संकलन किया गया है। इसमें संकलनकर्त्ता को अध्ययन, रूचि, धृति और परिश्रम को एक साथ उजागर होने का अवसर मिला है । साधारण पाठकों के लिए इस ग्रन्थ का बहुत बड़ा उपयोग नहीं हो सकता । किन्तु जो विद्वान् भगवान महावीर के जीवन सन्दर्भ में विशेष रूप से जिज्ञासु और संधि हैं. उनके लिए प्रन्थमाला प्रकाशस्तम्भ का काम करनेवाली है । विद्वान लोग इस प्रन्थमाला का सलक्ष्य उपयोग कर श्री बांठिया और श्री चोरड़िया श्रम को सार्थक ही नहीं करेंगे, अपने शोधकार्य में उपस्थित अनेक समस्याओं का समाधान भी पा सकेंगे, ऐसा विश्वास है । २६ मार्च १६८४ चुरू (राजस्थान ) Jain Education International ( 7 ) For Private & Personal Use Only - आचार्य तुलसी www.jainelibrary.org

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