Book Title: Vardhaman Jivan kosha Part 2
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan
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.०३ जीव द्वार का वर्गीकरण
०३३१ पर्याप्त-आर्याप्त ०३३२ सूक्ष्म-बादर ०३३३ स-स्थावर ०३३४ संज्ञी-असंज्ञो ०३३५ गर्मज-संमुच्छिम ०३३६ सइन्द्रिय-अनेन्द्रिय ०३३७ आहारक अनाहारक
०३०. सामान्य विवेचन ०३०१ जीव औधिक ०३०२ सिद्ध अरूपी ०३०३ संसारी रूपी ०३०४ नारकी ०३०५ तियंच ०३.६ एकेन्द्रिय तियंच ०३०७ पृथ्वीकाय ०३०८ अप्पकाय ०३०६ अग्निकाय ०३१० वायुकाय ०३११ वनस्पतिकाय ०३१२ प्रत्येक वनस्पतिकाय ०३१३ साधारण वनस्पतिकाय ०३१४ निगोद ०३१५ विकलेन्द्रिय तियंच ०३१६ बेइन्द्रिय तियंच ०३१७ तेइन्द्रिय तिर्यच ०३१८ चतुरिन्द्रिय तिर्यंच ०३१६ पंचेन्द्रिय जीव ०३२० तिथंच पंचेन्द्रिय ०३२१ मनुष्य ०३२२ कर्मभूमिज मनुष्य ०३२३ अकर्मभूमिज मनुष्य ०३२४ अंतर्तीपज मनुष्य ०३२५ युगलिया ०३२६ दव ०३२७ भवनपति
३२८ व्यंतर ०३२६ ज्योतिषी देव ०३३० वैमानिक देव
०३४० ०३४१ मिथ्या दृष्टि ०३४२ सममिथ्या दृष्टि ०३४३ सम्यक्त्वी ०३४४ असंयती ०३४५ संयतासंयती ०३४६ संयती ०३४७ प्रमत्त ०३४८ अप्रमत्त ०३४६ सवेदी ०३५० अवेदी ०३५१ सकषायी ०३५२ अकषायी ०३५३ छद्मस्थ ०३५४ सर्वज्ञ - सर्वदर्शी (सामान्य
केवली, तीर्थङ्कर ) ०३५५ सलेशी ०३५६ अलेशी ०३५७ सयोगी • ३५८ अयोगी ०३५९ सक्रिय ०३६. अक्रिय
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