Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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सर्वतोमुखी व्यक्तित्व
उन्नायक हैं। सरल हृदयी, निस्पृही, त्यागी एवं कठोर बाठिया - जेसी श्री हरिन्दर सिंह, जेसी. श्री रमेशलाल के. संयमित जीवन जीने वाले महा-पुरुष की वर्तमान युग में (भूतपूर्व सहमंत्री, इन्डियन जेसीज) हर क्षण, हर कदम आवश्यकता है। जन सामान्य के लिए आयोजक थे-जेसीज के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार सन्त अंधेरे में प्रकाश देते हैं। जीवन में आई अशांति से ।
जैन। कार्यक्रम सराहनीय रहा। मुक्ति दिलाते हैं। आप श्री ने कहा - आचार्य आनन्द
बोलाराम संघ को जिन पावन दिनों की प्रतीक्षा थी। ऋषिजी म. की मंगल मनीषा से उद्भुत हुए चिन्तन से
वह पर्व पर्युषण की बेला आ गई। महापर्व पर्युषण की स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी भी काफी प्रभावित रही एवं पूर्व
तप जप के साथ हर्षोल्लास पूर्वक आराधना पूर्ण हुई। प्रधान मंत्री ने इन्हें “राष्ट्र सन्त” के रूप में विभूषित करते
संवत्सरी के दिन सभी ने अपने-२ प्रतिष्ठान बन्द रखे। हुए शाल भेंट की थी। वे ऐसे सन्त को राष्ट्र की सम्पदा मानती रही। अन्त में परम श्रद्धेय ने आचार्य श्री के
दिनांक २३-२४-२५ सितम्बर ८८ को परम श्रद्धेय दीर्घायु जीवन की मंगल कामना व्यक्त की। मंगल वचनों
श्री के सान्निध्य में तीन महापुरुषों की जन्म जयन्ति मनाने के साथ सभा का विसर्जन हुआ। हिन्दी समाचार पत्र
का सौभाग्य बोलाराम श्री संघ को प्राप्त हुआ। "हिन्दी मिलाप” ने अपने १७-८-८८ के संस्करण में कलिकालसर्वज्ञ आचार्य श्री जयमल जी म. का २८१वाँ प्रमुखता के साथ उपर्युक्त जयंति दिवस की खबरें प्रकाशित जन्म दिन, आचार्य सम्राट् पू. श्री आत्माराम जी म. का की।
१०६ वाँ जन्म दिवस, पंजाब प्रवर्तक स्व. श्री पं. शुक्ल
चन्द जी म. का ६४वाँ जन्म दिवस सोत्साह हर्षोल्लास ___धर्म की पावन गंगा प्रवाहित हो अविरल बहती
पूर्वक मनाया गया।
दिनांक २५-६-८८ रविवार को प्रातः नौ बजे श्री .. इसी क्रम में परम श्रद्धेय श्रमणसूर्य स्व. मरुधर केशरी,
गुलाब चंद, फतेहचंद स्मृतिभवन में विशाल आई कैम्प का प्रवर्तक श्री मिश्री मलजी म.सा. (कड़क मिश्री) की जन्म
उद्घाटन, आंध्रप्रदेश की राज्यपाल – “सुश्री कुमुद बेन" जयन्ति भी दिनांक २६-८-८८ शुक्रवार को प्रातः वैश्य
जोशी ने किया। स्वागत माल्यार्पण के पश्चात् परम संगम, लाल बाजार के प्रांगण में मनाई गई। युवाचार्य
श्रद्धेय श्री ने लोकसेवा पर प्रवचन दिया तथा राज्यपाल डा. शिवमुनि जी म. एवं सलाहकार मंत्री परमश्रद्धेय श्री
महोदया से आग्रह किया कि- “प्रदेश में हो रही हिंसा सुमन मुनि जी म. आदि ठाणा के पावन सान्निध्य में यह को रोका जाय। निर्दोषों की हत्या कब तक होती रहेगी? जयन्ति सम्पन्न हुई - इसके समायोजक थे - श्री भंवरलाल हत्यारे व्यक्तियों एवं यांत्रिक कत्लखानों पर प्रतिबन्ध जी, माणकचंद जी, पुखराजजी मकाणा। इस प्रसंग पर लगाया जाय।" तपस्विनी बहनों ने भी तपश्चर्या के प्रत्याख्यान अत्यंत
___आई कैम्प का समायोजन श्री महावीर जैन युवक सादगी पूर्वक (गाजे-बाजे एवं आडंबर रहित) ग्रहण कर
संघ के द्वारा हुआ एवं आर्थिक सौजन्य प्रदाता थे-श्री सोने में सुहागे की कहावत को चरितार्थ किया।
मीठालाल जी मकाणा जिनको राज्यपाल सुश्री कुमुद जोशी तदनन्तर बोलाराम जेसीज संगठन की ओर से विशेष ने शाल द्वारा सम्मानित किया। इस कैम्प में ३०० रोगी प्रवचन रखा गया जिसमें गुरुदेव श्री ने समयानुकूल विचार लाभान्वित हुए। २६० रोगियों को चश्मे एवं औषधि प्रस्तुत किए। इस सभा में मुख्य अतिथि थे लॉयन वी.एस. लाभ मिला और २२ ऑप्रेशन किए गए।
रही।
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