Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai

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Page 680
________________ साधना का महायात्री श्री सुमन मुनि श्री मीठालाल जी दुग्गड़ सुश्रावक व उदारमना श्री मीठा लाल जी दुग्गड़ राजस्थान के नागौर जिला के कुरड़ायां ग्राम के निवासी श्रीमान् विरदीचन्द जी दुग्गड़ के सुपुत्र हैं तथा ज्वेलरी के व्यापार में कार्यरत हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती चूका देवी एक सुगृहिणी एवं धर्मपरायण महिला हैं तथा आपके एक पुत्र तथा चार पुत्रियाँ हैं । आपके बड़े भाई श्रीमान सुरेश कुमार जी मेट्टुपालयम में ही गिरवी व ज्वेलरी का व्यवसाय करते हैं। श्री मीठालाल जी की धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि है तथा आप इन कार्यों को निष्ठा से सम्पन्न करते हैं। आपके पिताजी श्रीमान् विरदी चन्दजी दुग्गड़ अत्यन्त धर्मपरायण सुश्राव हैं जिन्होंने आपके जीवन को बचपन से ही धर्म के संस्कार प्रदान किए हैं। पूज्य गुरुदेव श्री सुमन मुनि जी म. के प्रति आपके हृदय में असीम श्रद्धा भक्ति है तथा गुरुदेव के चातुर्मास में आपने अपनी सेवा-भावना का पूर्ण परिचय दिया है। सम्पर्क सूत्र - श्री मीठालाल जी दुग्गड़, मेट्टूपालयम, जि. कोयम्बत्तूर, तमिलनाडु Jain Education International श्री भंवर लाल जी सुराणा उदारहृदयी श्री भंवरलालजी सुराणा राजस्थान के नागौर जिले के अलाय ग्राम के निवासी हैं। आप स्वर्गीय श्रीमान् रामलाल जी सुराणा के सुपुत्र हैं । बचपन से ही आपको माता-पिता ने धर्म के सुसंस्कार प्रदान किए हैं। आपने बी. काम. तक शिक्षण प्राप्त किया है। पिछले १८ वर्षों से मेट्टूपालयम में फाइनेंस के व्यापार में संलग्न हैं। आपके लघुभ्राता श्रीमान नवरतनमल जी सुराणा भी मेट्टूपालयम के ही निकट कारमडै ग्राम में ज्वैलरी व गिरवी के व्यापार में कार्यरत हैं । श्रीमान सुराणाजी की धार्मिक व सामाजिक कार्यों में विशेष अभिरुचि है तथा आप इन कार्यों में सदैव अग्रणी रहते हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती निर्मलादेवी धर्मपरायणा सद्गृहिणी हैं। आपके दो पुत्र श्री पवनकुमार एवं श्री अभिषेक कुमार तथा एक पुत्री सुश्री मोनिका है जो कि अध्ययन रत हैं। श्रेष्ठ व्यवसायी श्री भंवरलाल जी ने पूज्य गुरुदेव श्री सुमन कुमार जी म. के १६६७ के मेट्टूपालयम चातुर्मास में गुरुदेव के प्रति अपार भक्ति भावना व अटुट आस्था का परिचय दिया। अपने जन्म स्थान अलाय ग्राम में निर्माणाधीन "समता भवन" में भी आपने. विशेष सहयोग प्रदान किया है। For Private & Personal Use Only सम्पर्क सूत्रश्री भंवरलाल जी सुराणा मेट्टूपालयम जि. कोयम्बत्तूर (तमिलनाडु) www.jainelibrary.org

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