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जैन धर्म की श्वेताम्बर परम्परा में प्रचलित तप-विधियाँ...51
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8 वी श्रेणी । 9 वीं श्रेणी 10 वीं श्रेणी | 11 वीं श्रेणी 12 वीं श्रेणी 13 वीं श्रेणी 14 वीं श्रेणी 15 वीं श्रेणी 16 वीं श्रेणी 17 वीं श्रेणी 18 वीं श्रेणी
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20 वीं श्रेणी 21 वीं श्रेणी
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22 वीं श्रेणी | 23 वीं श्रेणी | 24 वीं श्रेणी 25 वीं श्रेणी
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चौथी रीति - चतुर्थ प्रकार के अनुसार यह तप छह संख्या घन तक 36 परिपाटियों में पूर्ण होता है। जैसे पहली श्रेणी में क्रमशः एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह उपवास एकान्तर पारणे से करें। इसी तरह निम्न यन्त्र अनुसार 36 परिपाटियाँ पूर्ण करने पर यह तप होता है।