Book Title: Prashamrati Prakaran Ka Samalochanatmak Adhyayan
Author(s): Manjubala
Publisher: Prakrit Jain Shastra aur Ahimsa Shodh Samthan

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Page 31
________________ सण-सूजी) 1. अचार्य उमास्वातिः प्रशमरति प्रकरण, अवचूरि, सूत्र, पृ० 217 2. पं० नाथुराम प्रेमीः जैन साहित्य का इतिहास, पृ० 522 3. देखें वही, पृ० 526 4. जैन साहित्य का इतिहास, पृ० 526 5. पं० सुखलाल संघवीः तत्वार्थसूत्र, प्रकाशन-पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी-5, सन् 1976, प्रस्तावना, पृ० 17-18 6. नगर ताल्लुका के शिलालेख - न० 46 7. तत्वार्थ में वर्णित विषयों के मूल को जानने के लिए देखें - आत्माराम जी द्वारा सम्पादित तत्वार्थसूत्र जैनागम समन्वय 8. तत्वार्थसूत्र, प्रस्तावना, पृ० 17 9. तत्वार्थसूत्र (सम्पादक पंडित सुखलाल संघवी) प्रस्तावना, पृ० 17-18 10. जैन साहित्य का इतिहास (पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री) पृ० 229 11. तत्वार्थसूत्र प्रस्तावना, पृ० 6 . 12. देखें, स्वामि समन्तभद्र (सम्पा० पं० जुगल किशोर मुख्तार) पृ० 144 13. तत्वार्थसूत्र, प्रस्तावना, पृ० 1-3 14. तत्वार्थसूत्र, सं० पंडित संघवी, प्रस्तावना, पृ० 3 15. डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग 2, पृ० 152 16. पूज्यपाद : सर्वार्थसिद्वि (सं० पं० फूलचन्द्र सिद्धांत शास्त्री), प्रस्तावना पृ० 78 17. तीर्थकार महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग 2 पृ० 152 18. कुन्दकुन्दाचार्यः प्रवचनसार, सं० डॉ० ए० एन० उपाध्याय, अंग्रेजी प्रस्तावना

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