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भौगोलिक स्थिति
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- २२. चेदि-वर्तमान बुन्देलखण्ड का अधिकांश भाग सम्मिलित है। अनर्घराघव नाटक के अनुसार चेदि मण्डल की राजधानी माहिष्मती थी। कुछ विद्वान् इसे मध्यप्रदेश के चन्देरी के निकट का प्रदेश भी मानते हैं । २
२३. टक्क3-झेलम तथा सिन्धु नदियों के बीच का प्रदेश 'टक्क' कहलाता है । इसका दूसरा नाम 'बाहीक' भी प्रसिद्ध है ।।
२४. काम्बोज - अफगानिस्तान का उत्तरीभाग । गिरनार तथा धौली अभिलेखों में इसका कम्बोच रूप भी मिलता है । यह प्रदेश हिन्दुकुश पर्वत तक फैला हुमा माना जाता है। कनिंघम तथा राय चौधरी के अनुसार वर्तमान रामपुरराजोरी काम्बोज की राजधानी थी।
२५. बाह्नीक (वाहीक) - वर्तमान पंजाब के पश्चिमी भाग के लिए बाह्नीक का प्रयोग होता था जो कि सिन्धु के उस पार था। यही स्थिति प्रादिपुराण में भी वणित है । इसका अपर नाम 'बाहूलिक' भी प्रचलित है ।
२६. तुरुष्क°—इस प्रदेश को कुछ विद्वान् पूर्वी तुर्किस्तान मानते हैं । आदिपुराण के अनुसार यह प्रदेश सुसंस्कृत था। तुर्क लोग भारतीय संस्कृति एवं बौद्ध धर्म के अनुयायी भी रहे हैं। इन्हीं लोगों का निवास प्रदेश 'तुरुष्क' कहलाता था।"
२७. शक१२- इसका आधुनिक नाम बैक्ट्रिया है। शक लोक दरद देश से वंक्षु (प्राक्सस) नदी के तट पर पाकर बसे । इसी शक-प्रदेश को पुराणों में शक
१. चन्द्र०, १६.२८, द्वया०, ६.८५ २. Dey, Geog. Dic., p. 48, तथा अमृत लाल, चन्द्र०, पृ० ५५३ ३. चन्द्र०, १६.४६ ४. अमृतलाल, चन्द्र०, पृ० ५५३ ५. वराङ्ग०, ८.३, हम्मीर०, ३.४८ ६. Dey, Geog. Dic., p. 87 ७. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्रादिपुराण में प्रतिपादित भारत, पृ० ५२ ८. वराङ्ग०, ८.३, दया०, १६.१५ ।। ६. नेमिचन्द्र शास्त्री, आदिपुराण में प्रतिपादित भारत, पृ० ६७ १०. आदि०, १६.१५६, कीर्ति०, २.५७, हम्मीर०, ३.३७ ११. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्रादिपुराण में प्रतिपादित भारत, पृ० ५८ १२. हम्मीर०, १.८२