Book Title: Jain Dharm Ki Kahaniya Part 23
Author(s): Haribhai Songadh, Premchand Jain, Rameshchandra Jain
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Yuva Federation
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जैनधर्म की कहानियाँ भाग-23
श्रीकृष्ण की जन्मकथा एवं पृष्ठभूमि (22वें तीर्थंकर नेमिनाथ प्रभु एवं उनके कुल में जन्में तद्भव मोक्षगामी श्री प्रद्युम्न कुमार, शंबुकुमार आदि तथा इसी कुल में जन्में श्रीकृष्ण-बलदेव आदि 63 शलाका के महापुरुष, जो नियम से मोक्षगामी होते हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन टुकड़ों में जैनधर्म की कहानियाँ भाग-1,3,17 एवं 19 में प्रकाशित हो चुका है। पाठक वहाँ से अवश्य लाभ प्राप्त करें। यहाँ तो मात्र श्रीकृष्ण के जन्म एवं पूर्वभव तथा उनसे सम्बंधित उनके माता-पिता, शत्रु-मित्र एवं पुत्रादि का संक्षिप्त वर्णन कर रहे हैं।)
यदुराजा (श्री कृष्ण के परदादा)
अंधकवृष्टि (शौरीपुर के राजा)
नरवृष्टि (मथुरा के राजा)
10 पुत्र 2 पुत्रियाँ 1 पुत्र (उग्रसेन राजा) ज्येष्ठपुत्र (समुद्रविजय)
कंस-पुत्र देवकी-पुत्री लघुपुत्र (वसुराज)
कुंती (3 पाण्डव पुत्र) माद्री (2 पाण्डव पुत्र) पत्नि-रोहिणी
पत्नि-देवकी (कंस की बहिन) (शंख का जीव – 9वें बलभद्र बलदेव)
- 6 पुत्र (3 युगल) (निर्नामक का जीव - 9वें नारायण श्रीकृष्ण) ।
| (16 हजार रानियाँ, जिनमें मुख्य सत्यभामा आदि 8) रुक्मणि
जामवंती
प्रद्युम्नकुमार (तद्भव मोक्षगामी) शंबुकुमार (तद्भव मोक्षगामी)