Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मिश्रप्रकरणम् ]
चतुर्थों भागः
रास्नापार्कत्रिफलाविडङ्गं
. . . इससे अर्शके मस्सों को बार बार स्वेदित शिग्रुत्वङ्मूषिककणिका च ।
करनेसे वेदना शान्त होती और मस्से नष्ट हो निम्बार्कजो व्याघ्रनखः समूळ
जाते हैं। सुवर्चिका तिक्तकरोहिणी च ॥
(६१९०) रोचनादिचूर्णम् सकाकमाची बृहती सकृष्णा
(वं. से. । नेत्र रो.) पुनर्नवा नागरचित्रकैश्च । उद्वर्तनं शोथिषु मूत्रपिष्टं
रोचनाक्षारतुत्थानि पिप्पल्यः क्षौद्रमेव च । शस्तं तथा गोसलिलेन सेकः ॥
प्रतिसारणमे कैकं भिन्ने लगण इष्यते ॥ रास्ना, बासा, आककी जड़की छाल, हर्र, ___गोरोचन, जवाखार, नीलाथोथा, और पीपल बहेड़ा, आमला, बायबिडंग, सहजनेकी छाल,
यबिटंग महंजनेकी छाल मेंसे किसी एकके चूर्णको शहदमें मिला लें । चूहाकन्नी, नीमकी छाल, आककी छाल, नख नामक जब लगण* फूट जाय तो उस पर इसे सुगन्ध द्रव्य, मूर्वा, सज्जी, कुटकी, मकोय, कटेली, | मलना चाहिये । पीपल, पुनर्नवाकी जड़, सेांठ और चीता समान
(६१९१) रोधाद्याश्चोतनम् भाग लेकर सबको गोमूत्रमें पीस लें।
(वा. भ. । उ. अ. १४) । इसे शोथ वाले रोगके शरीर पर मलना
रोधसैन्धवमृद्वीकामधुकैश्छागलं पयः । चाहिये।
शृतमाश्चोतनं योज्यं रुजाराग विनाशनम् ॥ शोयस्थान पर गोमूत्रका सेवन भी करना हितकारी है।
लोध, सेंधा नमक, मुनक्का और मुलैठीके
साथ बकरीका दूध पकाकरे आंखमें डालनेसे पीड़ा (६१८९) रास्नाद्यपनाहः
और लाली नष्ट होती है। (ग. नि. । अर्शा.)
(प्रत्येक ओषधि १ तोला, दूध ६४ तोले, रास्नामेरण्डमूलं च मधुकं देवदारु च । यवचूर्णेन युक्तानि क्षीरेणालोडय साधयेत् ॥
पानी २५६ ताले; एकत्र मिलाकर पानी जलने तेनोपनाहं कुर्वीत स्वेदयेच पुनः पुनः ।
तक पकावें और छान लें।) तेनाशीसि शमं यान्ति वेदना विनिवर्तते ॥ अलगण-नेत्रोंके पलकमें बेरके बराबर
रास्ना, अरण्डकी जड़, मुलैठी, देवदारु और | एक गांठ हो जाती है, उसमें पीड़ा नहीं होती, जौ; इनका चूर्ण समान भाग लेकर सबको एकत्र परन्तु खाज आती है तथा वह कठिन होती है और मिला लें और उसे दूधमें पकाकर पुलटिस बना लें। स्वयं नहीं पकती।
इति रकारादिमिश्रप्रकरणम्
For Private And Personal Use Only