Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 883
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भारत-भैषज्य-रत्नाकरः [रसायन वाजीकरण ६७४७ विजया घृ० अत्यन्त वाजीकरण, ५४८७ मदन कामदेवो रज तथा वीर्यको नष्ट वृष्य, स्तम्भक रसः और वीर्यकी वृद्धि क रता है। कामोत्तेजक तैल-प्रकरणम् | ५४८८ मदनकामदेवो बल, सौन्दर्य, तेज और ५३०७ महासुगन्धितैलम कामोत्तेजक, कपुंस्कता रसः अत्यन्त कामवर्द्धक नाशक ५९५४ रतिवल्लभाख्य , पुरानी नपुंस्कताको भी | ५४८९ " " नष्ट करता है । अत्य- ५४९० मदन कामो रसः बल, वीर्य तथा कामधिक काम वर्द्धक । वर्द्धक ५९५८ राज ५४९१ मदनकामेश्वर ,, जब तक नीबूका रस न पिया जाय स्तम्भन आसवारिष्ट-प्रकरणम् रहता है। ५३३६ महा द्राक्षासवः अत्यन्त कामोत्तेजक, वीर्य वर्द्धक | ५४९२ मदनमञ्जरी गु- अत्यन्त कामवर्द्धक टिका ५३४१ मृतसंजीवनीसुरा अत्यन्त वाजीकरण, स्वास्थ्य रक्षक, वीर्य, ५४९३ मदनमुन्मद रसः ॥ " " स्मृति तथा अग्निवर्द्धक ५४९४ मदनसन्दीपन- अत्यन्त कामोत्तेजक, ५९६७ रसायनारिष्टः रसायन, पौष्टिक, बल्य, स्त्री दोषसे उत्पन्न हुई चूर्णम् बलिपालत नाशक क्लीवता नाशक; वीर्य हीन, प्रमेही और लेप-प्रकरणम् व्याधि पोडित तथा ५३५५ मनःशिलादिलेपः स्त्री द्रावक वृद्धोंकेलिये अत्युपयोगी ५३६२ मरिचोदि लेपः लिंगवद्धक, स्तनपोष्टिक ५४९५ मदनसुन्दररसः अत्यन्त कामोत्तेजक ५३७३ महाराष्ट्रयादि स्त्री द्रावक ५४९६ ,, , , वृष्य ६८४० वज्रवल्ली लेपः लिंगको अत्यन्त स्थूल | ५४९८ मदनानन्दमोद- अत्यन्त काम, वीर्य करता है। कम् और अग्निवर्द्धक रस-प्रकरणम् ५४९९ मदनोदय रसः अत्यन्त वीर्य वर्द्धक ५४६६ मकरध्वजो रसः वाजीकरण ५५०५ मधुयष्टयादि वीर्य वर्द्धक, नपुंस्कता ५४६७ , रसायनः सर्व रोग नाशक । चूर्णम् नाशक ८ . For Private And Personal Use Only

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