Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 886
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra रसायन वाजीकरण] मिश्र-प्रकरणम् ५७०३ माष पायसः ५७०४ माषादि योग: ५७०८ मुशल्यादि,” ५०३४ माषादि क्वाथः ५०८४ मूर्वादि ५८५६ रसोन कल्कः ५८८३ ” ५८६० रसोन सप्तकम् ५८७९ रास्नादि काथः ور 29 "" अत्यन्त वाजीकरण 71 "" कषाय-प्रकरणम् ५००५ मरिचादिकषायः वात व्याधि नाशक सरल योग ५०११ महानिम्ब योगः असाध्य गृध्रसी (सरल योग) www.kobatirth.org "" ५०३३ माष बलादि " पक्षाघात, मन्यास्तम्भ, अर्दित, पक्षाघात उरुस्तम्भ सर्वाङ्ग एकाङ्ग वात, अदित, ऊरुस्तम्भ, गृसी इत्यादि अपतन्त्रक, गृध्रसी, कटि पृष्ठ शूल, वातोदर पक्षाघात, कुब्जता, हनुप्रह, गात्र शुष्कता, मूकता, गद्गद्ता इत्यादि. चतुर्थी भागः (४६) वातव्याध्यधिकारः पक्षाघात, जानुशूल, गृध्रसी. ६१७२ रक्तापामार्गयोग स्तम्भक ६१७९ रसाला अति स्वादिष्ट, रोचक, कामोत्तेजक ७१५५ वाजीकरो वटकः अत्यन्त कामोत्तेजक ७१६२ विजया शुद्धिः ५८८५ १ ५८८४ रास्नादि क्वाथः (महा) सर्वांग कम्प, श्ली पद, मेदवायु, अन्त्रवृद्धि अंगव्यथा ५८८७ " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir , 39 ६२०१ लशुन योगः ६२०३ लशुनादि क्वाथः ६४६५ वचादि कषायः ६४९८ वरुणादि स्वेदः ६५४३ विश्वादिद्वादशाङ्ग क्वाथः For Private And Personal Use Only (,, ) प्रस्वेत, शीत, ८८३ कम्प, सुप्ति, जिह्वास्तम्भ सन्धि अस्थि मज्जागत वायु, मन्यास्तम्भ, वातरक्तादि वात व्याधि वात कफ ऊरुस्तम्भ वात व्याधि मांस सन्धि मज्जा स्नायु और सर्वाङ्गगत वायु ६५६१ वृहन्निम्बादियोगः असाध्य गृध्रसी चूर्ण-प्रकरणम ५९०१ रक्त चन्दनादि सर्वांगगत वायु चूर्णम् ५९०९ रसोन पञ्चकः ५९१५ रास्नादिचूर्णम् वातव्याधि समस्त वातज रोग

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