Book Title: Vyavahar Ratnam
Author(s): Bhanunath
Publisher: Bhanunath

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Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassaqarsuri Gyanmandir - वैष्णवेषु ॥ वागोशशुकशशिौम्यदिने सुलग्ने क्तां विहाय निगदन्ति गजाख्यकार्यम् ॥१८॥ अथाश्वादियानारोहणदिवसमाह ॥ जोवेन्दुसौम्यार्कसिते च वारे पौणाश्विचित्रानिलवासुदेवे ॥ हस्तेम्बुपुष्ये श्रवसोन्दुशुद्ध आरोहणं वाजिरथेभकानाम् ॥ १९ ॥ अथ गजदन्तच्छेदनदिवसमाह ॥.. धिष्णेष वैष्णवाश्विनितिष्यधनादित्यहस्तचित्रासु ॥ सुतिथौ शुभवासरेषु च दन्तच्छेदश्च दन्तिना-|| मुक्तम् ॥ ५० ॥ भीमार्कजयोर्वारे दिवसपो गुरुगृहे हरौ सुप्त ॥ पक्षे सिते निशायां हिरदानां कल्पना नेष्टा ॥ ५१॥ अथ मंत्रबहणसमयमाह ॥ चैत्रे दुःखाय दीक्षा स्याद्वैशाखे सर्वसिद्धिदा॥ ज्येष्ठे मृत्युप्रदा सा स्यादाषाढे बन्धुनाशिनी ॥ ५२ ॥ श्रावणे पुत्रदा नृणां नभस्ये दुःख दा स्मृता ॥ आश्विने सर्वसिद्धौ स्यात्कार्तिके ज्ञानसिद्धिदा ॥ ५३॥ शुभदा मार्गशीर्षे च पौषे । | ज्ञानविनाशिनी॥ माघे मेधादिवृद्धिः स्यात्काल्गुने विजयप्रदा ॥ ५४॥ कृष्णपक्षे न कल्याणं DEIO.DOD-CO-Store -09-61.-06 iroitrbitra -@-S For Private and Personal Use Only

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