Book Title: Trishashti Shalaka Purush Charit Part 08
Author(s): Surekhashreeji Sadhvi
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 11
________________ थी। उसी समय उन्होंने आगे के भागों का स्वाध्याय भी किया और पूछा कि संस्था से आगे के भाग कब तक प्रकाशित होंगे किन्तु हमारी ओर से असमर्थता जाहिर की गई। श्री गणेश ललवानी सा., जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से यहाँ तक का अनुवाद किया वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। तत्पश्चात् आदरणीय श्री डी.आर.मेहता सा. ने सीकर के एक संस्कृत विद्वान् पं. मांगीलालजी मिश्र को इस ग्रन्थ की मूल संस्कृत प्रति दी किन्तु एक-दो वर्ष वे अन्य कार्यों में व्यस्त रहे तत्पश्चात् उनका भी निधन हो गया। इसलिए मैंने साध्वीजी से अनुरोध किया कि आप आठवें, नवें व दसवें पर्व का अनुवाद कार्य कर देवें ताकि यह ग्रंथ जन-मानस तक स्वाध्याय हेतु पहुँच सके। आपश्री ने इस अनुरोध को स्वीकारते हुए इस कार्य को सम्पन्न किया। एकाग्रता व शांतचित्त से किये गये इस अनुवाद के लिए प्राकृत भारती अकादमी एवं श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर आपके हृदय से आभारी हैं। - डॉ० रीना जैन त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित (दशम पर्व)

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