Book Title: Swayambhu Stotram
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 198
________________ परिशिष्ट. १. स्वयम्भू-स्तवन-छन्द-सूची स्तवनाङ्क छन्दनाम छन्दलक्षण १ वंशस्थ प्रत्येक चरणमें जगण, तगण, जगण, रगणके क्रमको लिये हुए द्वादशाक्षर' (५,७) वृत्तका नाम 'वंशस्थ है। • उपजाति इन्द्रवज्रा और उपेन्द्रवज्राके चरणमिश्रणसे बना हुआ छन्द 'उपजाति' कहलाता है। १.४ इन्द्रवज्रा. __ प्रतिचरण तगण.तगण,जगण २ उपेन्द्रवत्रा, और अन्तमें दो गुरुके क्रमको ३-५उपजाति लिये हुए एकादशवणात्मक वृत्त को 'इन्द्रवज्रा' कहते हैं और चरणारम्भमें गुरुके स्थान पर लघु अक्षर (जगण) हो तो वही 'उपेन्द्रवज्रा' हो जाता है। ४ वंशस्थ उपर्युक्त (१)

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