Book Title: Sthananga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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श्री स्थानांग सूत्र 000000000000000000000000000000000000000000000000000 इसी तरह चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष तुच्छ है और तुच्छ ही दिखाई देता है। कोई एक पुरुष तुच्छ है किन्तु गम्भीर दिखाई देता है। कोई एक पुरुष गम्भीर है किन्तु तुच्छ दिखाई देता है। कोई एक पुरुष गम्भीर है और गम्भीर ही दिखाई देता है। चार प्रकार के समुद्र कहे गये हैं यथा - कोई एक समुद्र तुच्छ है और तुच्छ पानी वाला है। कोई एक समुद्र गम्भीर है किन्तु तुच्छ पानी वाला है। कोई एक समुद्र गम्भीर है और गम्भीर पानी वाला है। इसी तरह चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष तुच्छ है और तुच्छ हृदय वाला है। कोई एक पुरुष तुच्छ है किन्तु गम्भीर हृदय वाला है। कोई एक पुरुष गम्भीर है किन्तु तुच्छ हृदय वाला है। कोई एक पुरुष गम्भीर है
और गम्भीर हृदय वाला है। चार प्रकार के समुद्र कहे गये हैं यथा - कोई एक समुद्र तुच्छ है और तुच्छ दिखाई देता है । कोई एक समुद्र तुच्छ है किन्तु गम्भीर दिखाई देता है। कोई एक समुद्र गम्भीर है किन्तु तुच्छ दिखाई देता है। कोई एक समुद्र गम्भीर है और गम्भीर ही दिखाई देता है । इसी तरह चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं यथा - कोई एक पुरुष तुच्छ है और तुच्छ ही दिखाई देता है। कोई एक पुरुष तुच्छ है किन्तु गम्भीर दिखाई देता है। कोई एक पुरुष गम्भीर है किन्तु तुच्छ दिखाई देता है। कोई एक पुरुष गम्भीर है और गम्भीर ही दिखाई देता है ।
.. तैराक भेद चत्तारि तरगा पण्णत्ता तंजहा - समुहं तरामीतेगे समुहं तरइ, समुई तरामीतेगे गोप्पयं तरइ, गोप्पयं तरामीतेगे समुहं तरइ, गोप्पयं तरामीतेगे गोप्पयं तरइ । चत्तारि तरगा पण्णत्ता तंजहा - समुहं तरित्ता णाममेगे समुद्दे विसीयइ, समुदं तरित्ता णाममेगे गोप्पए विसीयइ, गोप्पयं तरित्ता णाममेगे समुद्दे विसीयइ, गोप्पयं तरित्ता णाममेगे गोप्पए विसीयइ ।
कुम्भ और पुरुष चत्तारि कुंभा पण्णत्ता तंजहा - पुण्णे णाममगे पुण्णे, पुण्णे णाममेगे तुच्छे, तुच्छे णाममेगे पुण्णे, तुच्छे णाममेगे तुच्छे । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - पुण्णे णाममेगे पुण्णे, पुण्णे णाममेगे तुच्छे, तुच्छे णाममेगे पुण्णे, तुच्छे णाममेगे तुच्छे । चत्तारि कुंभा पण्णत्ता तंजहा - पुण्णे णाममेगे पुण्णोभासी, पुण्णे णाममेगे तुच्छोभासी, तुच्छे णाममेगे पुण्णोभासी, तुच्छे णाममेगे तुच्छोभासी । एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता तंजहा - पुण्णे णाममेगे पुण्णोभासी, पुण्णे णाममेगे
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