________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(५९) लघु गुण सर्वथापणे अनादि अनंत छे, अने उपनवे तथा विणसवे सादि सांत छे.
स्वभाव ते चार गुण, तथा खंध अने अगुरु लघु ते अनादि अनंत छे, तथा देश प्रदेश ते सादि सांत छे. ते आकाश द्रव्यना बे भेद छे, एक चौदराज लोकनो खंध लो. काकाश प्रमाण ते सादि सांत छ, अने बीजो अलोकाकाशनो खंध ते सादि अनंत छे.
काल द्रव्यमा स्वद्रव्य जे नवा पुराणवर्तना गुण ते अनादि अनंत छे. स्वक्षेत्र समय ते सादि सांत छे. केमके वर्तमान समय एक छे माटे, तथा स्वकाल ते अनादि अनंत छे. स्वभाव ते गुणचार अने अगुरु लघु अनादि अनंत छे. अतीतकाल अनादि सांत
www.kobatirth.org
For Private And Personal Use Only