Book Title: Shabdaratnamahodadhi Part 1
Author(s): Muktivijay, Ambalal P Shah
Publisher: Vijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 784
________________ गणदीक्षिन्- गणवतीसुत ] शब्दरत्नमहोदधिः । ७३७ થઈ જાય છે ત્યાં આ ન્યાય વપરાય છે. गणपर्वत पुं. (गणभूयिष्ठः पर्वतः) उसास पर्वत. गणपाठ पुं. (गणानां स्वरादिगणानां पाठोऽत्र) व्या २५ गणदीक्षिन पुं. (गणान् बहुशिष्यान् दीक्षयति दीक्ष् + णिनि ) | गणपतिन्याय पुं. भ्यां थोडी ४ युक्तिथी भोटु अभ ઘણા શિષ્યોને દીક્ષા આપનાર આચાર્ય આદિ, જેણે ગણપતિના પૂજનની દીક્ષા લીધી હોય તે, જ્ઞાતિ અને અનેક મનુષ્યોનું કામ કરાવનાર, ઉપાધ્યાય. (त्रि. ) घशा शिष्योने दीक्षा खापनार, गोशनी दीक्षावाणुं, पुरोहित वगेरे. गणदीक्षित त्रि. ( गण+ दीक्ष् + क्त) भेजे गएापतिना પૂજનની દીક્ષા લીધી હોય તે, જેણે અમુક કાર્યની સમાપ્તિ સુધીનો નિયમ લીધો હોય તે. गणदेवता स्त्री. (गणभूता देवता) समूह३५ छेव साहित्य रुद्रवसु वगेरे - महाराजिकसाध्याश्च रुद्राश्च गणदेवता । गणद्रव्य न. ( गणस्वामिकं द्रव्यम्) के द्रव्य उपर गएानी સત્તા હોય તે દ્રવ્ય, ગણની માલિકીનું દ્રવ્ય, સાધારણ द्रव्य. गणद्वीप पुं. न. ( गणानां सप्तानां राज्यत्वात् द्वीपः ) જેમાં સાત રાજાઓનું રાજ્ય છે તેવો એક બેટ. गणन न. ( गण भावे ल्युट् ) गएावु, गएरात्री रवी. गणधर पुं. (जै. प्रा. गणहर) गशधर, तीर्थपु२ना मुख्य શિષ્ય, આચાર્યની આજ્ઞાનુસાર સાધુ સમુદાયને લઈને મહીમંડલમાં વિચરનાર સમર્થ સાધુ. गणना स्त्री. (गण्+युच्) गारावु, गएरात्री रवी -यदि त्रिलोकी गणनापरा स्यात् - नैषध० ३ | ४०, का वा गणना सचेतनेषु अपगतचेतनान्यपि संघट्टयितुमलं (मदनः) का० १५७ । गणनाथ पुं. ( गणानां प्रमथादीनां नाथः) एशधर वगेरे गायति, महादेव. (त्रि.) अमुद्ध अर्ध समुहायनो नेता. गणनायक पुं. (गणानां नायकः) गए।घर वगैरे गएायति, गणेश- लेखको भारतस्यास्य भव त्वं गणनायक ! | -महा० १।१ । ७७, शिव. (त्रि.) हरडोई रोजांनी नाय. गणनायिका स्त्री. (गणानां नायिका) हुर्गा देवी, पार्वती. गणनीय त्रि. ( गणयितुमर्हति गण् + अनीयर् ) गावा યોગ્ય, ગણત્રી કરવા યોગ્ય. गणपति पुं. (गणानां पतिः) गाघर, गणेश- अत्तुं वाञ्छति शाम्भवो गणपतेराखुं क्षुधार्त्तः फणी-पञ्च० १।१७० । शिव. (त्रि.) अभुङ समूहनी नायड. गणपतिकल्प पुं. (गणपत्युद्देशेन कल्पः ) गाशपतिना પૂજન વગેરેની વિધિ બતાવનાર ગ્રંથ. Jain Education International શાસ્ત્ર પ્રસિદ્ધ સ્વરાદિ ગણપાઠ ગ્રંથ. गणपाद पुं. (गणस्येव पादोऽस्य) महाद्देवना गए। જેવા જેના પગ હોય તે. गणपीठक न. ( गणस्य पीठ इव कायति कै+क) छाती. गणपुङ्गव पुं. (गणः पुङ्गव इव) श्रेष्ठ गए, ते नामनो खेड देश, ते देशनी शुभ. (त्रि. गणेषु पुङ्गवः) સમુદાયમાં શ્રેષ્ઠ. गणपूज्य पुं. (गणो गणेशः प्रमथो वा पूज्योऽत्र ) ते नामनो खेड हेश, ते देशनो राभ. (त्रि. गणेषु पूज्यः) समुहायां पूभ्वा योग्य. गणपूर्व पुं. (गणानां ग्रामादिस्थलोकानां पूर्वः प्रधानम् ) गामनी पटेल, नाय, भुजी. गणभर्तृ पुं. (गणानां प्रमथादीनां भर्त्ता) गाधर, महादेव, गणपति गणभर्तुरुक्षा - कि० ५।४२ (त्रि. गणानां भर्त्ता) समुहायनो स्वामी, समुद्दायनो पोषङ. गणयज्ञ पुं. (गणस्य कर्त्तव्यः यज्ञः) समुद्दाये रवानी यज्ञ.. गणयाग पुं. ( गणोद्देशेन शान्त्यर्थं यागः ) समुद्दायनी શાંતિ માટે કરવામાં આવતો યજ્ઞ. गणरत्न न. ( गणाः स्वरादयः रत्नानीव यत्र ) ते नामनो પાણિનીએ બનાવેલો એક ગ્રંથ જેમાં સ્વરાદિ ગણોના અર્થનું શ્લોકો દ્વારા કથન કર્યું છે. गणराज्य न. ते नामनो खेड देश. गणरात्र न ( गणानां रात्रीणां समाहारः ) रात्रिखोनो સમુદાય. गणरूप, गणरूपक पुं. (गणा बहूनि रूपाण्यस्व । गणरूप + प्रज्ञायां कत्) खडडानुं आउ. गणरूपिन् पुं. (गणा बहूनि रूपाणि सन्त्यस्य इनि) घोणा खडडानुं जाउ. गणवत् त्रि. ( गणोऽस्त्यस्य मतुप् मस्य वः) गरावाणुं, સમુદાયવાળું. गणवती स्त्री. ( गणवत् स्त्रियां ङीप् ) हीवोहासनी माता.. गणवतीसुत पुं. ( गणवत्याः सुतः) द्विवोहास राम. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864