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गोरखपुर।
(२) भागलपुर-परगना सलेमपुर मझौली, गोरखपुर से आग्नेय दिशा में ५२ मील तथा तुरतीपुर रेलवे पुल से लगभग १ मील । यहां दसवीं शताब्दी का एक स्तम्भ है जो १८ फुट ऊंचा है । इसको सूर्यवंशी राजाओं ने बनवाया था।
(३) देवरिया-बम्हनी ग्राम के पास कासिया सड़क पर ईशान दिशा में बहुत बड़े २ खंडित-स्थान हैं, जिनमें दो प्राचीन मन्दिरों की नींव के भाग हैं।
(४) कुहाऊ-(Kahaum)-परगना सलेमपुर मझौली, तहसील देवरिया । गोरखपुर से दक्षिण-पूर्व ४६ मील व खुखुन्दो से दक्षिण मील ।
__ यह एक बहुत प्राचीन नगर रहा है। सलेमपुर स्टेशन से ५ मील पर है। यहां एक पाषाण-स्तम्म २४॥ फुट ऊंचा है। इसके ऊपर लोहे की कील है जिससे विदित होता है कि इसके ऊपर सिंह या दुसरा कोई चिह्न बना हुआ था । यह स्तम्भ नीचे चौखूटा, ऊपर को अठकोना और फिर सोलह-कोना होकर अंत में गोल है। तथा गुंबज नीचे घंटे के समान आकार का तथा ऊपर चौकोर है। हर एक ओर एक छोटा सा भाला है जिसमें जैन मूर्तियां अंकित हैं । नीचे के चौकोर भाग में पश्चिम तरफ श्रीपार्श्वनाथ तीथंकर की एक नग्न मूत्ति है। स्तम्भ के ऊपर एक शिलालेख है (इसको पूरी
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